तूतीकोरिन: हमेशा के लिए बंद होगा स्टरलाइट कॉपर प्लांट, तमिलनाडु सरकार का आदेश

तूतीकोरिन: हमेशा के लिए बंद होगा स्टरलाइट कॉपर प्लांट, तमिलनाडु सरकार का आदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-28 13:23 GMT
तूतीकोरिन: हमेशा के लिए बंद होगा स्टरलाइट कॉपर प्लांट, तमिलनाडु सरकार का आदेश

डिजिटल डेस्क, चैन्नई। तूतीकोरिन में वेदांता स्टरलाइट कॉपर प्लांट के लगातार हो रहे विरोध के बाद तमिलनाडु सरकार ने इसे हमेशा के लिए बंद करने का आदेश जारी किया है। सोमवार को तमिलनाडु सरकार ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कॉपर प्लांट सील करने के आदेश दिेए। तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने जानकारी देते हुए कहा कि लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए कॉपर प्लांट को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है।

 



13 लोगों की पुलिस फायरिंग में मौत
सूत्रों की मानें तो तमिलनाडु सरकार के इस फैसले के विरोध में वेदांता ग्रुप कोर्ट में अपील कर सकता है। बता दें कि प्रदूषण के चलते लंबे समय से लोग इसे बंद करने की मांग कर रहे थे। कई महीनों से प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन जारी था। पिछले दिनों प्रदर्शन के अचानक हिंसक होने के बाद पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी। तीस से ज्यादा लोग इसमे घायल भी हुए थे। हिंसा भड़कने के बाद इलाके में धारा 144 लागू हो गई थी और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। हालांकि सोमवार को इसे बहाल कर दिया गया। 

SC का मामले में तत्काल सुनवाई से इंकार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट प्लांट के विरोध में हुई हिंसा मामले में सोमवार को सुनवाई से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में तत्काल सुनवाई नहीं होगी, अभी कोर्ट की छुट्टियां चल रही हैं। याचिका में कोर्ट से तूतीकोरिन फायरिंग मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की अपली की गई है। यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता पी शिव कुमार ने अपने वकील एन राजारमण के माध्यम से दायर की है।

ग्राउंड वॉटर हो रहा प्रदूषित
तूतीकोरिन में वेदांता स्टरलाइट कॉपर प्लांट की शुरुआत 1997 में हुई थी। ये कंपनी कॉपर खनन का काम करती है। प्लांट की यूनिट में एक स्मेल्टर, एक रिफायनरी, एक फास्फोरस एसिड प्लांट, एक कॉपर रॉड प्लांट और तीन कैप्टिव पावर प्लांट हैं। लोगों का कहना था कि कॉपर फैक्ट्री से हो रहे प्रदूषण के कारण यहां का ग्राउंड वॉटर भी प्रदूषित हो रहा है। हालिया विरोध प्रदर्शनों के चलते पीसीबी (प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) ने कंपनी के 25 साल पुराने लाइसेंस को रिन्यू करने से मना कर दिया था। पीसीबी ने कहा था कि कंपनी पर्यावरणीय मानकों को पूरा नहीं करती है।

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