मेरठ में नमाज पढ़ने से रोकने पर दो समुदायों में संघर्ष, पथराव में अनेक घायल

मेरठ में नमाज पढ़ने से रोकने पर दो समुदायों में संघर्ष, पथराव में अनेक घायल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-18 05:20 GMT
मेरठ में नमाज पढ़ने से रोकने पर दो समुदायों में संघर्ष, पथराव में अनेक घायल

जिडिटल डेस्क, मेरठ। यूपी में मेरठ शहर के शास्त्री नगर इलाके में कुछ हिंदू संगठनों द्वारा मकबरे पर मुस्लिमों के नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताने के बाद दो समुदायों में टकराव पैदा हो गया। इसके बाद  इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन दोनों समुदायों में तनाव बरकरार है। बीजेपी का कहना है कि जिस स्थान पर नमाज पढ़ने की कोशिश की जा रही थी, वह जगह सेक्टर-3 स्थित गोल मंदिर के नजदीक है। उन्होंने कहा कि इस स्थान पर इससे पहले कभी नमाज नहीं पढ़ी गई है। इस लिए वे इस इलाके में नमाज की ‘नई परंपरा’ नहीं शुरू होने देंगे। मुस्लिम समुदाय ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि विवादित जगह पर पहले भी नमाज पढ़ी जाती रही है।


दोनो पक्षों में जमकर हुआ संघर्ष, हुआ पथराव


बुधवार को रमजान की शुरुआत हुई। इस अवसर पर मुस्लिम समाज के बहुत सारे लोग मकबरे पर नमाज पढ़ने के लिए एकत्र हुए थे। मुस्लिम समाज के लोगों को उस स्थान पर नमाज पढ़ने के लिए एकत्र हुआ देख कर हिंदू संगठनों के सदस्य वहां पुहंचे और नमाज पढ़ने का विरोध किया। थोड़ी देर की बहस के बाद मामला संघर्ष में तब्दील हो गया। इसके बाद दोनों समुदाय के लोगों ने एक दूसरे पर जम कर पथराव किया। दोनों पक्षों में देर तक पथराव चलता रहा। जिसमें दोनों पक्षों के अनेक लोग घायल हो गए थे। घायलों में दो की हालत गंभीर बनाई गई है। घायलों को चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। 


पुलिस ने बढ़ाई चौकसी, दोनों समुदायों को समझाया


इस घटना की सूचना जब पुलिस को मिली तो वह मौके पर पहुंची और  तब कहीं जा कर स्थिति नियंत्रण में आई। इस संघर्ष में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। एसएसपी मेरठ राजेश कुमार पांडे ने बताया कि इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है। दोनों समुदायों के नेताओं ने विवाद को आगे नहीं बढ़ाने का लिखित में आश्वासन दिया है। पुलिस के इस दावे के विपरीत क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार दोनो पक्षों के नेताओं ने इस मसले पर बाद में बैठक की कर इस मसले को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। मुस्लिम समुदाय के लोगों में मकबरे पर नमाज पढ़ने से रोकने पर तीव्र रोष है। उनका कहना है कि वे रमजान के इन दिनों में वहां शांतिपूर्ण तरीके से नमाज ही तो पढ़ रहे थे। इस पर हिंदू समाज के लोगों ने इतनी तीव्र प्रतिक्रिया क्यों की, यह समझ से बाहर है। उधर, हिंदू संगठन किसी भी सूरत में इस परंपरा पर अंकुश लगाने का ऐलान कर चुके हैं। 

तनाव बरकरार, दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े


उधर, बीजेपी के शास्त्री नगर ट्रेडर्स सेल के जनरल सेक्रेटरी जतिन चांदना ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ जब ‘सैकड़ों’ लोग नमाज पढ़ने के लिए मकबरे पर इकठ्ठा हुए। बीजेपी नेता के मुताबिक, यह मकबरा ऐसी जगह है जहां मुस्लिमों की संख्या बेहद कम है। उन्होंने कहा, ‘हम किसी समुदाय की ओर से प्रार्थना करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन हम अपने इलाके में एक नई परंपरा की शुरुआत नहीं होने देंगे।’ बीजेपी के एक अन्य नेता कमल दत्त शर्मा ने कहा कि अगर सैकड़ों की संख्या में हिंदू मुस्लिम बहुल इलाके में जाकर पूजा करेंगे तो क्या होगा? दूसरी ओर मुस्लिम समाज के लोग भी अपने पक्ष पर मजबूती से अड़े हुए हैं। युवा सेवा समिति के प्रमुख बदर अली ने कहा कि उनके समुदाय के लोग अक्सर शास्त्री नगर स्थित मकबरे पर नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं। उन्होंने कहा हिंदुओं ने शायद इस लिए आपत्ति की क्योंकि इस बार बड़ी संख्या में लोग नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे थे। 
 

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