मुर्शिदाबाद तिहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझी, आरोपी गिरफ्तार

मुर्शिदाबाद तिहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझी, आरोपी गिरफ्तार

IANS News
Update: 2019-10-15 14:30 GMT
मुर्शिदाबाद तिहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझी, आरोपी गिरफ्तार

कोलकाता, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। सनसनीखेज जियागंज तिहरे हत्याकांड को सुलझाने का दावा करते हुए पश्चिम बंगाल की मुर्शिदाबाद जिले की पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उसने एक राजमिस्त्री को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित रूप से 24,000 रुपये ठगे जाने और निजी अपमान का बदला लेने के लिए पांच मिनट के अंदर परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर दी।

मुर्शिदाबाद के पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार ने मीडिया से कहा कि सागरदिघी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले गांव साहापुर के एक युवक उत्पल बेहरा को सोमवार रात को गिरफ्तार किया गया।

प्राइमेरी स्कूल शिक्षक बंधुप्रकाश पाल, पत्नी ब्यूटी और उनके आठ वर्षीय बेटे अंगन को विजयादशमी के दिन उनके आवास में खून में लथपथ मरा पाया गया था।

मुकेश ने कहा, बेहरा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।

इस सनसनीखेज अपराध के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बेहरा साहापुर गांव के एक स्कूल में पढ़ाने वाले और बीमा एजेंट के रूप में काम करने वाले पाल को जानता था।

मुकेश ने कहा, बेहरा ने दो बीमा पॉलिसी के प्रीमियम के तौर पर पाल को 48,000 रुपये दिए। लेकिन पाल ने बेहरा को केवल 24,000 रुपये की रसीद दी। कई बार आग्रह करने के बाद भी पाल ने न ही पैसे वापस लौटाए और न ही रसीद दिया।

पुलिस अधीक्षक ने बताया, बेहरा के पिता ने भी पैसे या फिर रसीद की मांग को लेकर कई बार पाल से स्कूल में मुलाकात की, लेकिन उसपर कोई असर नहीं हुआ। जब बेहरा ने पाल से इस बाबत सवाल पूछा तो पाल ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। पाल द्वारा निजी टिप्पणी से आहत, बेहरा ने उसे खत्म करने का निर्णय लिया।

बेहरा ने एक धारदार हथियार खरीदा और 8 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन पाल के घर पहुंचा।

एसपी ने कहा, जैसे ही पाल ने दरवाजा खोला, बेहरा ने पीछे से उसपर हमला कर दिया। उसके बाद उत्पल दूसरे कमरे में गया और पहले पाल की पत्नी ब्यूटी और फिर उसके आठ वर्षीय बेटे की हत्या कर दी। तीनों हत्याएं अपराह्न् 12.06 से अपराह्न् 12.11 बजे के बीच पांच मिनट के अंतराल पर की गई।

जब स्थानीय दूधवाला पाल के दरवाजे को खुला देख उसके घर गया तो बेहरा वहां से फरार हो गया।

पाल के जियागंज घर की तलाशी लेने के बाद, पुलिस को खून से सने उसके नाम वाले बीमा पेपर से हत्या में बेहरा की संलिप्तता का संकेत मिला।

पुलिस के अनुसार, पाल कई बीमा कंपनियों से जुड़ा हुआ था और शिक्षक के रूप में अपने पद का इस्तेमाल लोगों को बीमा पॉलिसी करवाने में करता था।

इस हत्याकांड से राज्य की राजनीति गरमा गई थी। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने दावा किया था कि पाल पिछले कुछ महीनों से आरएसएस के साप्ताहिक कार्यक्रम मिलन में भाग लेता था। भाजपा ने इसे एक राजनीतिक हत्या बताया था और इसका आरोप राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर लगाया था।

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