उत्तराखंड सरकार गौरक्षकों को देगी आधार से लिंक ID कार्ड, कलेक्टर को बनाया मुखिया

उत्तराखंड सरकार गौरक्षकों को देगी आधार से लिंक ID कार्ड, कलेक्टर को बनाया मुखिया

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-28 15:58 GMT
उत्तराखंड सरकार गौरक्षकों को देगी आधार से लिंक ID कार्ड, कलेक्टर को बनाया मुखिया
हाईलाइट
  • कलेक्टर करेंगे गायों की देखभाल
  • गौ रक्षा को लेकर गलातार गो रही है हिंसक घटनाये
  • सरकार गौ सेवकों को आईडी कार्ड देगी

डिजिटल डेस्क, देहरादून। पूरे देश में गौरक्षा के नाम पर लगातार हिंसक घटनाएं हो रही हैं। यह मामला इतना गर्माया हुआ है कि सड़क से लेकर संसद तक इस मसले पर बहस जारी है। इसी बीच गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार ने अनोखा प्रयास किया है। सरकार प्रदेश के सभी जिलों में जानवरों की सुरक्षा और कल्याण के लिए समितियों का गठन करने जा रही है। ऐसी व्यवस्था अन्य प्रदेशों में भी हो सकती है, लेकिन उत्तराखंड में खास बात यह है कि सरकार गौरक्षकों को आधार कार्ड से लिंक आईडी कार्ड भी उपलब्ध कराएगी ताकि अन्य कोई उपद्रवी गौरक्षा के नाम पर हिंसा न कर सकें। वहीं जिले के कलेक्टर इन समितियों के मुखिया होंगे और सरकारी अधिकारी इन समितियों में सदस्य के रूप में शामिल रहेंगे।

इसी हफ्ते लिया गया है फैसला
उत्तराखंड गौसेवा आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र रावत ने बताया कि "गौवंश संरक्षण समिति" बनाने का फैसला आयोग की बैठक में इसी हफ्ते लिया गया है। प्रदेश की पुलिस गायों की तस्करी और उन्हे मारे जाने से रोकने के लिए लगातार काम कर रही है। नरेंद्र रावत ने कहा कि हम चाहते हैं गायों की देखभाल अच्छे से हो और उन्हे सड़कों पर भूका न मरना पड़े।

 



अभी दो गौवंश संरक्षण दस्ते हैं
आयोग के मुखिया ने बताया कि "हम लोगों के पास पुलिस के अधीन दो गौवंश संरक्षण दस्ते हैं।  जिसमे से एक दस्ता कुमाऊं और दूसरा गढ़वाल में है। इन दस्तों के पास गाय और अन्य जानवरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं होती है। ये लोग अवैध रूप से जानवरों के काटे जाने और गायों की तस्करी को रोकने में ही व्यस्त रहते हैं। अब आयोग ने फैसला किया है कि समितियों को गायों की देखभाल और सलामती की  जिम्मेदारी दी जाएगी।

गायों के संरक्षण के लिए सरकारी विभाग एकजुट
इस पहल का एक मकसद यह भी है कि सभी सरकारी दफ्तरों और विभागों को गायों के संरक्षण के लिए एकजुट किया जाए। प्रदेश में पशु पालन, कृषि, वन, राजस्व, नगर निगम, नगर निकाय के अधिकारी,कर्मचारी हैं। इन सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को समितियों में रखा जाएगा ताकि वे सक्रिय रूप से जानवरों के कल्याण के लिए काम कर सके।

 

 

 

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