पहली बार इस राज्य के मंदिरों के लिए आरक्षण के आधार पर चुने गए पुजारी

पहली बार इस राज्य के मंदिरों के लिए आरक्षण के आधार पर चुने गए पुजारी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-07 05:51 GMT
पहली बार इस राज्य के मंदिरों के लिए आरक्षण के आधार पर चुने गए पुजारी

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। अब तक आरक्षण सरकारी नौकरियों, कॉलेज एडमिशन, सरकारी योजनाओं तक ही सीमित था, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अब मंदिरों में पुजारियों की भर्ती भी आरक्षण की प्रक्रिया के तहत हो रही है। दरअसल केरल में मंदिरों का ध्यान रखने वाली संस्था त्रावनकोर देवस्वाम बोर्ड ने मंदिरों के पुजारियों का चयन आरक्षण की प्रक्रिया के तहत किया है। बोर्ड ने कुल 62 पुजारियों के नाम शॉर्टलिस्ट किए हैं जिसमें से 36 SC और OBC के लोगों की नियुक्ति मंदिर में पूजा करने के लिए की गई है। इन लोगों का चयन टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर हुआ है।

बोर्ड के अध्यक्ष राजगोपालन नायर ने कहा कि यह पहला मौका है जब मंदिर में पुजारियों की नियुक्ति के लिए आरक्षण की प्रक्रिया को अपनाया गया है। उन्होंने कहा, "हमने कुछ दिनों पहले बैकवर्ड क्लास के कुछ पुजारियों की नियुक्ति की थी, जिन्होंने मेरिट के जरिए इस बार चयन प्रक्रिया का निर्धारण किया। त्रावनकोर देवस्वामी बोर्ड की स्थापना 1949 में हुई थी और पुजारियों के लिए SC और OBC के चयन की मांग दशकों से हो रही थी लेकिन इसके काफी विरोध के कारण ऐसा करना संभव नहीं हो सका था लेकिन आज हम ऐसा संभव कर सके हैं."

राजगोपालन के अनुसार अभी इस प्रकिया से पुजारियों की नियुक्ति केवल त्रावनकोर में हुई है जल्द ही कोचीन और मालाबार बोर्ड के पुजारियों की नियुक्ति भी इसी से ही होगी। उन्होंने कहा कि त्रावनकोर में लोक सेवा आयोग की प्रक्रिया के तहत ही पुजारियों की नियुक्ति की गई है। 

त्रावनकोर बोर्ड के प्रेसिडेंट ने भी निर्णय की सराहना की और कहा कि पुजारियों के तौर पर SC और OBC की नियुक्ति बेहद जरूरी थी और नियुक्ति बोर्ड ने जिन लोगों का चयन किया है उन्हीं की नियुक्ति की जाएगी।

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