केद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा- हनुमान दलित या आदिवासी नहीं बल्कि आर्य थे

केद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा- हनुमान दलित या आदिवासी नहीं बल्कि आर्य थे

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-01 06:17 GMT
केद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा- हनुमान दलित या आदिवासी नहीं बल्कि आर्य थे
हाईलाइट
  • उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से सांसद हैं सत्यपाल सिंह
  • उस समय कोई जाति व्यवस्था नहीं थी: केंद्रीय मंत्री
  • योगी आदित्यनाथ और नंद कुमार साय भी दे चुके हैं हनुमान जी पर बयान

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। हनुमानजी की जाति पर बयान देने वालों में अब एक नाम और जुड़ गया है। मोदी सरकार में मानव संसाधन राज्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के बागपत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सत्यपाल सिंह ने बजरंग बली को आर्य बताया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भगवान राम और हनुमान जी के युग में जाति व्यवस्था नहीं हुआ करती थी, इसलिए उस समय कोई दलित, वंचित या शोषित भी नहीं था।

मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि वाल्मिकी रामायण और रामचरित मानस को पढ़कर इस बात को समझा जा सकता है कि उस समय जाति व्यवस्था नहीं थी। उस समय केवल आर्य हुआ करते थे और इसलिए हनुमान जी भी आर्य जाति के महापुरुष थे। बता दें कि इन दिनों नेताओं में हनुमान जी की जाति बताने की होड़ मची हुई है।

इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय भी हनुमान जी की जाति को लेकर बयान दे चुके हैं। सीएम योगी ने हनुमान जी को दलित और शोषित बताया था तो एसटी आयोग के अध्यक्ष साय ने बजरंग बली अनुसूचित जनजाति का बताया था।


योगी आदित्यानाथ ने अलवर जिले के मालाखेड़ा में हनुमान जी पर बयान दिया था। उन्होंने बजरंगबली को दलित बताते हुए गिरवासी और वनवासी करार दिया था। योगी ने कहा था कि हनुमान जी ऐसे देवता हैं, जो दलित, वंचित, गिरवासी और वनवासी हैं। वहीं एक बैठक में शामिल होने लखनऊ पहुंचे साय ने कहा था कि जैसे तिग्गा एक गोत्र होता है, तिग्गा का मतलब बंदर होता है। इसी तरह कुछ जनजातियों में हनुमान गोत्र भी होता है। उन्होंने कहा था कि हनुमान जी अनुसूचित जनजातियों की तरह ही जंगलों में रहते थे, इसलिए वे जनजाति के हुए।

 

 

 

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