यूएस-चीन ट्रेड वॉर : भारत को मिल सकता है सस्ता क्रूड ऑयल

यूएस-चीन ट्रेड वॉर : भारत को मिल सकता है सस्ता क्रूड ऑयल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-09 18:46 GMT
यूएस-चीन ट्रेड वॉर : भारत को मिल सकता है सस्ता क्रूड ऑयल
हाईलाइट
  • यूएस से तेल खरीद को बॉयकॉट करने का मतलब है कि बीजिंग ईरान से तेल खरीद जारी रखेगा।
  • अमेरिका और चीन के बीच छिड़े ट्रेड वॉर का फायदा भारत को मिल सकता है।
  • चीन के सबसे बड़े ट्रेडिंग हाउस ने अमेरिकी कच्चे तेल और गैस की खरीद बंद कर दी है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच छिड़े ट्रेड वॉर का फायदा भारत को मिल सकता है। दरअसल, एशिया में यूएस के क्रूड और गैस का सबसे बड़ा खरीददार चीन है, लेकिन चीन के सबसे बड़े ट्रेडिंग हाउस ने अमेरिकी कच्चे तेल और गैस की खरीद बंद कर दी है। इसके अलावा चीन की ओर से अमेरिकी क्रूड और गैस पर जवाबी टैरिफ लगाने की भी तैयारी की जा रही है। यूएस से तेल खरीद को बॉयकॉट करने का मतलब है कि बीजिंग ईरान से तेल खरीद जारी रखेगा।

थॉमसन रॉयटर्स ऑइल रिसर्ट ऐंड फोरकास्ट्स की ओर से जुटाए गए डेटा के मुताबिक इस महीने भारत ने अमेरिका से 3,19,000 बैरल प्रतिदिन क्रूड की बुकिंग कराई है। जबकि जुलाई महीने में भारत ने अमेरिका से 1,19,000 बैरल क्रूड प्रतिदिन के हिसाब से आयात किया था। ये आकड़े बताते हैं कि किस तेजी से अमेरिका से भारत का तेल आयात बढ़ा है। क्रूड मार्केट के एनालिस्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थिति में भारत के पास अमेरिका से कच्चे तेल की खरीद के लिए सौदेबाजी करने का अवसर होगा।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रूड आयातक देश है। चीन की ओर से कच्चे तेल की खरीदी रोके जाने के बाद एशिया में साउथ कोरिया अमेरिका का सबसे बड़ा बायर होगा। इसके बाद दूसरा नंबर भारत का है। इसके चलते कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल सकती है, जो पॉलिसीमेकर्स के लिए चिंता का विषय है।

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