Kerala: कोझिकोड एयरपोर्ट पर मानसून के दौरान वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट पर बैन, हादसे के बाद DGCA ने लिया फैसला

Kerala: कोझिकोड एयरपोर्ट पर मानसून के दौरान वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट पर बैन, हादसे के बाद DGCA ने लिया फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-11 17:29 GMT
Kerala: कोझिकोड एयरपोर्ट पर मानसून के दौरान वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट पर बैन, हादसे के बाद DGCA ने लिया फैसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने कोझिकोड एयरपोर्ट पर वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट के मानसून में ऑपरेशन पर रोक लगा दी है। एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक नैरो बॉडी B737 विमान के कोझीकोड एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद यह निर्णय लिया गया है। इस हादसे में दो पायलट समेत 18 लोगों की मौत हो गई थी। विमान में क्रू समेत 190 लोग सवार थे।

क्या कहा DGCA ने?
DGCA के अधिकारी ने कहा अभी बैन को हटाने की कोई तारीख तय नहीं की गई है। हम मानसून के खत्म होने का इंतजार करेंगे। वहीं उन्होंने बताया कि मुंबई और चेन्नई जैसे एयरपोर्ट पर विशेष ऑडिट किया जाएगा जो भारी बारिश से प्रभावित हैं। बता दें कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) देश में 100 से अधिक एयरपोर्ट का प्रबंधन करता है, जिसमें कोझीकोड भी शामिल है। हालांकि, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे प्रमुख एयरपोर्ट का प्रबंधन निजी कंपनियां करती है। AAI सिविव एविएशन मिनिस्ट्री के तहत काम करता है। 

वाइड-बॉडी और नेरो बॉडी एयरक्राफ्ट
B747 और A350 जैसे वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट में एक बड़ा फ्यूल टैंक होता है और इसलिए B737 और A320 जैसे नेरो-बॉडी एयरक्राफ्ट की तुलना में लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं। एक वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट को उड़ान भरने या उतरने के लिए लंबे रनवे की भी आवश्यकता होती है। कोझिकोड एयरोपोर्ट का टेबल टॉप रनवे 10 लगभग 2,700 मीटर लंबा है। इस एयरपोर्ट पर 2019 से वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट ऑपरेशन की अनुमति दी गई थी। सामान्य तौर पर किसी भी एयरलाइंस में विमानों की कुल संख्या के चार फीसदी ही वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट होते हैं।

कोझिकोड एयरपोर्ट पर विमान हो गया था दुर्घटनाग्रस्त
कोझिकोड एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस का दुबई से आया बी-737 विमान बारिश के बीच रनवे को पार कर घाटी में गिर गया था। इस विमान में 190 लोग सवार थे। हादसे में दोनों पायलटों समेत 19 लोगों की मौत हो गई थी। AAI के प्रवक्ता ने बताया था कि लैंडिंग की पहली कोशिश के लिए रनवे 28 तय किया गया था, लेकिन भारी बारिश की वजह से पायलट उस रनवे को नहीं देख पाए। इसके बाद उन्होंने रनवे-10 के लिए इजाजत मांगी। जिसके बाद विमान की लैंडिंग हुई और यह हादसा हुआ।

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