REPUBLIC DAY : 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस

REPUBLIC DAY : 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-21 18:03 GMT
REPUBLIC DAY : 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। आजादी के लगभग 28 माह बाद यानी 26 जनवरी 1950 को भारत एक लोकतांत्रिक और गणतंत्र देश बना। इस दिन देश में संविधान लागू हुआ। यह संविधान भारतीयों द्वारा भारत की जनता के लिए बनाया गया था। बता दें कि इससे पहले भारत में भारत सरकार अधिनियम (जिसे अगस्त 1935 में पारित किया गया) लागू था। भारत को अंग्रेजी शासन से स्वतंत्रता तो 1947 में ही मिल गई थी। लेकिन 26 जनवरी का दिन भारत को एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक गणराज्य बनने के लिए जाना जाता है। भारतीय संविधान को 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था। लेकिन 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होते ही भारत एक लोकतांत्रिक देश बन गया था। 1950 के बाद से ही 26 जनवरी भारत का राष्ट्रीय पर्व बन गया। 


पहली बार बग्गी पर आए थे देश के पहले राष्ट्रपति 

26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 बजे भारत में संविधान लागू हुआ। इस समय के बाद भारत एक लोकतांत्रिक देश बना। बता दें कि राजेन्द्र प्रसाद ने इस समय से सिर्फ 6 मिनट बाद यानी 10.24 पर भारत के पहले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी। बतौर राष्ट्रपति पहली बार डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे।





 देश के पहले राष्ट्रपति को भारतीय सैन्य बल ने सलामी दी। यह दृश्य भी पहली बार ही देखने को मिला था जब भारत की सेना अपने पहले लोकतांत्रिक शासक को सलामी दी थी।



26 जनवरी को ही क्यों मनाया गया गणतंत्र दिवस

भारत का संविधान सभा के सामने 26 नवम्बर 1949 के सामने रखा गया है इस दिन ही इसे संविधान सभा ने अपना लिया था लेकिन इसे इसी दिन से लागू क्यों नहीं किया है यह प्रश्न सबके सामने उठता है। इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए हमें 1929 की घटना जानना काफी महत्वपूर्ण है। 1929 में भारत पर अंग्रेजों का शासन था। भारतीय जनता अंग्रेजों के शासन में त्रस्त थी। 1929 में कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन हुआ। इस अधिवेशन में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें भारत को एक डोमिनियन स्टेटस की मांग की गई। बता दें कि डोमिनियन स्टेटस में भारत पूरा आजाद तो नहीं होता लेकिन कई महत्वपूर्ण और बड़े फैसले करने का अधिकार भारत को मिल जाता। पंडित जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में पास हुए इस प्रस्ताव में यह तय किया गया कि यदि अंग्रेज भारत को 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन स्टेटस नहीं देगी तो भारत अपने आप को पूर्ण स्वतंत्र देश घोषित कर लेगा। अंग्रेजों की सरकार ने यह बात मानने से इनकार कर दिया। 26 जनवरी 1930 से ही स्वतंत्रता प्राप्त के लिए तेज आंदोलन शुरू कर दिए गए। वहीं 1930 से ही 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस भी मनाया जाने लगा था। 
 




वहीं भारत ने अंग्रेजों से 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली। हम इस दिन अंग्रेजों की बेढ़ियों से आजाद हुए थे इसलिए इसे स्वतंत्रता दिवस माना गया। हालांकि आजाद भारत की बागडोर अभी जनता की चुनी हुई सरकार के हाथ में नहीं थी। 26 नवंबर, 1949 को संविधान मंजूर किया गया। 24 जनवरी, 1950 को असेंबली के मेंबर्स  ने इस पर साइन किए। 26 जनवरी के महत्व को बनाए रखने के लिए इसे 2 दिन बाद 26 जनवरी (1950) को लागू किया गया।
 




कब- कब बना संविधान

देश का संविधान 26 नवंबर, 1949 को बन कर तैयार हुआ था। लेकिन ये संविधान पहली बार में ही नहीं बना। भारत का अपना संविधान बनाने के लिए पहले भी कई बार कोशिश की जा चुकी थी।

  • 1875 में देश में पहला स्वतंत्रता संग्राम हुआ। सैनिकों ने अंग्रेज सरकार की खिलाफत कर दी। यह खिलाफत कारतूसों में जानवरों की चर्वी का उपयोग करने पर थी। इस क्रांती के बाद बागी सैनिकों ने भी देश के लिए एक अलग संविधान बनाया था।
     
  • 1928 में जवाहर लाल नेहरू के पिता मोती लाल नेहरू ने भी स्वाराज नाम से एक संविधान बनाया था। 
     
  • 1935 में अंग्रेजों ने भारतीय जनता के विरोध को देखते हुए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया (भारत सरकार अधिनियम) लागू किया था।  
     
  • 1945 पेशे से वकील तेज बहादुर सप्रू ने सविधान बनाने की बात कही थी। 


26 जनवरी को देश का संविधान लागू हुआ था। भारत देश की जनता अंग्रेजों की बेढ़ियों के साथ-साथ उनके बनाए गए भारत सरकार अधिनियम से भी स्वतंत्र थी। सत्ता सही मायनों में अंग्रेजी शासकों से सीधे जनता के हाथों में आ गई थी। भारत की जनता अपने लोगों में से ही सरकार के प्रतिनिधि को चुनने का अधिकार इस दिन से उसके हाथ में थी। भारत एक लोकतांत्रिक देश बन गया था। चूंकि 26 जनवरी को संविधान लागू हुआ इसलिए इसे रिपब्लिक डे कहा गया। इस दिन के बाद से हर वर्ष इसे मनाया जाने लगा। 


गणतंत्र दिवस 2018, ये खास मेहमान होंगे शामिल

26 जनवरी 2018 को हम अपना 69वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। इस बार गणतंत्र दिवस में कई खास मेहमान शामिल होने की उम्मीद की जा रही है। भारतीय गणतंत्र दिवस (Republic day) 2018 के कार्यक्रम में ASEAN (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन्स) देशों के 10 नेता बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। बता दें कि फिलीपींस की राजधानी मनीला में पिछले दिनों हुए ASEAN में पीएम मोदी ने सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भारत के गणतंत्र दिवस में शामिल होने का न्योता दिया था। जिसके बाद सभी देशों ने इसमें शामिल होने के लिए रजामंदी भी दे दी है।
 




इन 10 देशों के नेता होंगे चीफ गेस्ट

ब्रुनई, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम,फिलीपींस, कंबोडिया और म्यांमार देशों के नेता बतौर चीफ गेस्ट शामिल होंगे। 2018 में गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत की राजधानी दिल्ली में इस ऐतिहासिक मौके पर सभी नेता शामिल होंगे।

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