भारत के इस शहर को UNESCO ने घोषित किया वर्ल्ड हेरिटेज
भारत के इस शहर को UNESCO ने घोषित किया वर्ल्ड हेरिटेज
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद. भारत प्रचीन सभ्यताओं का प्रतीक है। हमारे देश में कई ऐसे शहर है जिनमें हजारों साल पुरानी सभ्यता देखने को मिलती है। बावजूद इसके अभी तक भारत का एक भी शहर वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल नही किया गया था। लेकिन अब UNESCO ने एक लिस्ट जारी की है जिसमें भारत का एक शहर वर्ल्ड हेरिटेज क रूप में शामिल किया गया है, वो शहर है अहमदाबाद।
अहमदाबाद सिटी के लिए शनिवार का दिन महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक रहा। यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी के 41वें सेशन में इसे भारत के पहले वैश्विक धरोहर वाले शहर के रूप में मान्यता दी गई है। यूनेस्को में भारत की राजदूत और स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने अपने ट्विटर हैंडल से खुशी जाहिर करते हुए कहा है, 'यह घोषित करते हुए मैं बहुत खुश हूं कि यूनेस्को ने अहमदाबाद को भारत का पहला विश्व धरोहर वाला शहर घोषित किया गया है।'
इस खबर पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी इसे खुद के लिए गर्व का पल बताया है।
यूनेस्को ने अपने नोट में लिखा, "15वीं सदी में सुल्तान अहमद शाह ने बसाया गया अहमदाबाद साबरमती नदी के पूर्वी तट पर बसा है। इस शहर में आर्किटेक्ट के बेहतरीन उदाहरण हैं, उदाहरण के लिए भद्रा गढ़ा, किले की दीवारें और उसके गेट, यहां कई मस्जिदें और मकबरें हैं, वहीं बाद के समय में बने कई हिंदू और जैन मंदिर भी यहां हैं। ये शहर पिछले 60 सालों से गुजरात की राजधानी है।"
इसके लिए तुर्की, लेबनान, ट्यूनीशिया, पुर्तगाल, पेरू, कजाकिस्तान, वियतनाम, फिनलैंड, अज़रबैजान, जामैका, क्रोएशिया, ज़िम्बाब्वे, तंजानिया, दक्षिण कोरिया, अंगोलम और क्यूबा समेत करीब 20 देशों ने अहमदाबाद का समर्थन किया।
इन सभी देशों ने अहमदाबाद को नक्काशीदार लकड़ी की हवेली की वास्तुकला के अलावा सैकड़ों वर्षों से इस्लामिक, हिंदू और जैन समुदायों के एक धर्मनिरपेक्ष सह-अस्तित्व वाला शहर मानते हुए सर्वसम्मति से चुना। देशों ने ये भी माना कि शहर महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत के अहिंसक स्वतंत्रता संग्राम के लिए भी खास महत्व रखता है। वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी की बैठक पौलैंड के क्राको शहर में आयोजित की गई थी।