व्यापम जैसा कांड: नर्सिंग कॉलेज की जांच में घोटाला, घूस लेकर क्लीनचिट, सीबीआई अधिकारी सस्पेंड, अब नई टीम कर सकती है जांच!

  • सीबीआई ने अपने ही अधिकारियों को गिरफ्तार किया
  • व्यापमं के बाद है दूसरा बड़ा घोटाला
  • सीबीआई ने हाईकोर्ट को सौंपी है रिपोर्ट
  • अक्टूबर 2022 में शुरू हुई थी जांच

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-23 10:07 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच में भी घोटाला हुआ। सूत्रों से संकेत मिल रहे है सीबीआई की नई टीम इसकी जांच कर सकती है। क्योंकि घोटाला की जांच में जुटे सीबीआई अधिकारियों की मिलीभगत और लेन देन से सीबीआई की साख पर भी सवाल उठने लगे है। रिश्वतखोर अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद से अब सीबीआई यह फैसला ले सकती है। नर्सिंग कॉलेज घोटाले को व्यापम के बाद सीबीआई द्वारा जांचा जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। सीबीआई ने इंस्पेक्टर राहुल राज को बर्खास्त कर दिया है और अन्य के खिलाफ पूछताछ जारी है। संदिग्ध 29 जून तक सीबीआई रिमांड पर हैं।

रिश्वतखोरी को लेकर जांच एजेंसी ने 4 सीबीआई अधिकारियों समेत 23 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। एजेंसी की सतर्कता इकाई ने कुछ नर्सिंग कॉलेज मालिकों और जांच अधिकारियों के बीच कथित रिश्वतखोरी के खेल का पर्दाफाश किया। इसमें जांच अधिकारियों ने पैसा लेकर कॉलेजों को क्लीनचिट दी गई। मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई मुख्यालय की एक नई टीम भोपाल भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) से मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच का जिम्मा ले सकती है। ईडी ने भी धन शोधन को लेकर दूसरे पहलू से समानांतर जांच शुरू कर दी है। जल्द ही पीएमएलए के तहत एक अलग मामला दर्ज किया जा सकता है।

नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच में सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों की लिस्ट पेश की। इस रिपोर्ट में कॉलेजों को अपूर्ण,अनुपयुक्त और उपयुक्त तीन कैटेगरी में बांटा। सीबीआई अधिकारियों ने हेराफेरी और घूसखोरी लेकर कॉलेजों को उपयुक्त श्रेणी में लेकर क्लीनचिट दे दी। कुछ सीबीआई अफसरों का मानना है कि उपयुक्त माने जाने वाले कॉलेजों की फिर से जांच की जानी चाहिए। अपनी जांच में भ्रष्ट अधिकारियों ने अधिकांश नर्सिंग कॉलेज को उपयुक्त पाया। 73 नर्सिंग कॉलेजों को 'अपूर्ण' और 66 को 'अनुपयुक्त' के रूप में पहचाना। एडमिशन को लेकर कॉलेज सीबीआई की क्लीनचिट रिपोर्ट को दिखाकर स्टूडेंट को रिझा रहे है। आपको बता दें हाईकोर्ट के आदेश के बाद अक्टूबर 2022 में नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच शुरू हुई थी। हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के सभी 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच के आदेश दिए थे।

अब ये भी जांच का विषय है कि सीबीआई ने जिन कॉलेजों को सूटेबल का सर्टिफिकेट दिया उनमें कितने कॉलेज संचालकों ने सीबीआई को रिश्वत देकर अपने कॉलेज को सूटेबल बनवाया। ये सवाल इसलिए भी खड़ा हो रहा है क्योंकि जिन कॉलेजों को सूटेबल बताया क्या वो नॉर्म्स पूरे करते हैं? रिश्वत का ये मामला सिर्फ 169 कॉलेजों तक सीमित नहीं है। इसका लिंक नर्सिंग के डिप्लोमा कोर्स करवाने वाले 300 से ज्यादा कॉलेजों से जुड़ा है। इनकी मान्यता के लिए सीबीआई के अधिकारी कॉलेज का वैरिफिकेशन कर रहे थे। सीबीआई के अधिकारियों ने वसूली गैंग के जरिए कॉलेजों से वसूली करके उन्हें सूटेबल का झूठा सर्टिफिकेट दे दिया और छात्रों के जीवन और शिक्षा से खिलवाड़ करने का खेल जारी रहने दिया। 

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