पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप: मानसी ने जीता गोल्ड, सोशल मीडिया पर मिल रही बधाई

पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप: मानसी ने जीता गोल्ड, सोशल मीडिया पर मिल रही बधाई

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-28 06:47 GMT
पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप: मानसी ने जीता गोल्ड, सोशल मीडिया पर मिल रही बधाई
हाईलाइट
  • जोशी ने 2011 में एक एक्सीडेंट में अपना बायां पैर खो दिया था और 4 साल बाद उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया
  • भारत की पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी ने शनिवार को पहला वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब जीता
  • मानसी की इस उपलब्धि पर उन्हें अब सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा बधाइयां दी जा रही हैं

डिजिटल डेस्क, बासेल (स्विट्जरलैंड)। भारत की पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी ने शनिवार को पहला वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब जीता। मानसी की इस उपलब्धि पर उन्हें अब सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा बधाइयां दी जा रही हैं। मानसी ने विमेंस सिंगल्स के फाइनल में हमवतन पारुल परमार को 21-12, 21-7 से मात देकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। जोशी ने 2011 में एक एक्सीडेंट में अपना बायां पैर खो दिया था और चार साल बाद उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया। वह पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग करती हैं। मानसी ने गोल्ड जीतने के बाद कहा था कि, यह उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है।

मैच जीतने के बाद जोशी ने कहा था, "मैंने बहुत कठिन ट्रेनिंग की है। मैंने एक दिन में तीन सत्रों में ट्रेनिंग की है। मैंने फिटनेस पर ध्यान केंद्रित किया था, इसलिए मैंने कुछ वजन भी कम किया और अपनी मांसपेशियों को बढ़ाया। मैंने जिम में भी ज्यादा से ज्यादा समय बिताया, सप्ताह में छह सत्रों में ट्रेनिंग की। मैंने अपने स्ट्रोक्स पर भी काम किया, मैंने इसके लिए अकादमी में हर दिन ट्रेनिंग की। मैं समझती हूं कि मैं लगातार बेहतर हो रही हूं और अब यह दिखना शुरू हो गया है।

अपने सफर के बारे में जोशी ने कहा, मैं 2015 से बैडमिंटन खेल रही हूं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतना किसी सपने के सच होने जैसा होता है। उन्होंने बताया कि, वह चलने के लिए अब नए वॉकिंग प्रोसथेसिस सॉकेट का उपयोग कर रही हैं। इससे पहले वह पांच साल से एक ही सॉकेट का इस्तेमाल कर रही थीं। जिसके कारण वर्कआउट के दौरान उनकी रफ्तार धीमी हो रही थी। 


 

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