Tokyo Olympics: माना पटेल ने रचा इतिहास, टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला तैराक बनीं

Tokyo Olympics: माना पटेल ने रचा इतिहास, टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला तैराक बनीं

Manmohan Prajapati
Update: 2021-07-02 07:14 GMT
Tokyo Olympics: माना पटेल ने रचा इतिहास, टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला तैराक बनीं
हाईलाइट
  • 100 मीटर बैकस्ट्रोक प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी
  • माना तीसरी भारतीय तैराक बन गईं हैं
  • स्वीमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने पुष्टि की

डिजिटल डेस्क​, नई दिल्ली। भारतीय महिला तैराक माना पटेल (Maana patel) ने टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics 2020) के लिए क्वालिफाई कर इतिहास रच दिया है। स्वीमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की। भारतीय तैराकी महासंघ (एएफआई) के अनुसार माना की विश्वविद्यालय कोटा से टोक्यो ओलंपिक में भागीदारी की पुष्टि हो गई है। 21 साल की माना टोक्यो खेलों में 100 मीटर बैकस्ट्रोक प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी।

टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने के साथ ही माना, पहली महिला और तीसरी भारतीय तैराक बन गईं है। श्रीहरि नटराज और साजन प्रकाश के क्वालिफाई करने के बाद माना टोक्यो ओलिंपिक में देश की तीसरी तैराक होंगी।

खेल मंत्री ने दी बधाई
खेल मंत्री किरण रिजिजू ने शुक्रवार को ट्वीट कर माना को उनके टोक्यो जाने पर बधाई दी। उन्होंने लिखा, ‘बैकस्ट्रोक तैराक माना पटेल #Tokyo2020 के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली महिला और तीसरी भारतीय तैराक बन गई हैं. मैं माना को बधाई देता हूं, जिन्होंने यूनिवर्सलिटी कोटा के जरिए क्वालिफाई किया. बहुत बढ़िया।’

माना ने कहा, ‘यह शानदार अहसास है, मैंने साथी तैराकों से ओलिंपिक के बारे में सुना है और टेलीविजन पर इन्हें देखा है, लेकिन इस बार वहां होना, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से प्रतिस्पर्धा करने के लिए मैं रोमांचित हूं।’ 2019 में माना के टखने में चोट लग गई थी और इस साल के शुरुआत में उन्होंने वापसी की थी।

उन्होंने कहा, ‘महामारी के कारण लगे लॉकडाउन से मुझे चोट से अच्छी तरह से उबरने में मदद मिली। लेकिन बाद में निराशा भी हाथ लगी। मुझे इतने लंबे समय तक पानी से दूर रहने की आदत नहीं है।’ इस साल उनकी पहली प्रतियोगिता अप्रैल में उज्बेकिस्तान ओपन तैराकी चैंपियनशिप थी जिसमें उन्होंने 100 मीटर बैकस्ट्रोक में एक मिनट 04.47 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीता था।

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