लोकसभा चुनाव 2024: एमपी में कांग्रेस से गठबंधन न होने पर बिफरे अखिलेश यादव? UP में जीत हासिल करने के लिए बना रहे हैं खास रणनीति

  • कांग्रेस-सपा में जंग जारी
  • यूपी में जीत हासिल करने के लिए अखिलेश का खास प्लान

Raj Singh
Update: 2023-10-23 06:15 GMT

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के विरोध तैयार हुए इंडिया गठबंधन में दरार पड़ती हुई नजर आ रही है। मध्य प्रदेश में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर कांग्रेस-बीजेपी में नेक टू नेक फाइट बताई जा रही है। एमपी चुनाव में समाजवादी पार्टी भी अपनी किस्मत आजमा रही है। लेकिन विस चुनाव में कांग्रेस-सपा में गठबंधन न होने की वजह से अखिलेश यादव खफा दिखाई दे रहे हैं और इशारों ही इशारों में यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि आगामी आम चुनाव में पार्टी तीन मुद्दों पर बिना किसी के साथ गए हुए चुनावी मैदान में भी कूद सकती है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने गठबंधन इंडिया की जगह पिछ़ड़ा,दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का जिक्र कर रहे हैं ताकि जनता को साधा जा सके। साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी को भाजपा से करारी हार मिली थी लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सपा सुप्रीमो प्रदेश में नए समीकरण बनाने की तैयारी में जुट गए हैं।

अखिलेश का एकला चलो की रणनीति

अखिलेश यादव ने बीते दिन यानी 22 अक्टूबर को एक्स पर ट्वीट कर लिखा था, 'होगा 24 का चुनाव, PDA का इंकलाब।' यादव का ये ट्वीट ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस-सपा में सीट बंटवारों को लेकर घमासान मचा है दोनों दल के नेता एक-दूसरे पर टिका-टिप्पणी कर रहे हैं। अखिलेश के ट्वीट को एमपी में टिकट बंटवारे से जोड़ कर देखा जा रहा है। हाल ही में सपा और कांग्रेस में एमपी विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक हुई थी। जिसमें सपा ने 6 से 7 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की थी। लेकिन कांग्रेस ने इतने सीट ये कहकर सपा को नहीं दिया था कि उसके पास जनाधार नहीं है वो जीत दर्ज नहीं कर पाएगी। इसी बात से अखिलेश यादव खफा चल रहे हैं और एकला चलो की रणनीति बना रहे हैं।

इंडिया गठबंधन के आगे झुकना नहीं चाहते अखिलेश

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, कांग्रेस के इसी रवैये से सपा सुप्रीमो नाराज चल रहे हैं और आगामी आम चुनाव को लेकर चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। सियासी पंडितों के अनुसार, अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन में रहते हुए अपनी स्ट्रेटजी पर काम कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सपा लोकसभा चुनाव के पहले जातीय समीकरणों को फिट करना चाहती है। जिसमें पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हो ताकि आगामी चुनाव में उसे किसी राजनीतिक दबाव में आकर सीटों पर समझौता न करना पड़े।

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