नागरिकता संशोधन अधिनियम: असदुद्दीन ओवैसी का हिमंत बिस्वा से सवाल, सीएए पर फिर भड़के एआईएमआईएम चीफ

  • सीएए पर ओवैसी ने फिर जताई आपत्ति
  • असम सीएम से मुसलिमों को लेकर पूछा सवाल
  • सीएए को गलत ठहराया

Ritu Singh
Update: 2024-03-16 05:09 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर विपक्षी पार्टियों के नेता लगातार विरोध जता रहे हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी सीएए का 2019 से ही विरोध कर रहे हैं। हाल ही में सीएए लागू करने के लिए जारी किए गए अधिसूचना की टाइमिंग पर भी ओवैसी ने सवाल उठाते हुए इसे मुसलमानों के लिए एक संदेश बताया था। सीएए को मुस्लिम विरोधी करार देने वाले असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लेकर अब असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा पर निशाना साधा है।

दरअसल बीते दिनों असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एनआरसी सूची में शामिल राज्य के 12 लाख हिंदुओं को सीएए के तहत नागरिकता देने की बात कही थी। हिमंत बिस्वा के इसी बयान पर एआईएमआईएम चीफ ने निशाना साधा है। असम सीएम पर निशाना साधते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में आयोजित एनआरसी में सूचीबद्ध 12 लाख हिंदुओं को सीएए के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी, लेकिन 1.5 लाख मुसलमानों का क्या? लोग कह रहे हैं कि तुरंत कुछ नहीं होने वाला है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि चीजों को सामने आने में समय लगता है।"

'धर्म के आधार पर नागरिकता देना गलत'

असदुद्दी ओवैसी ने धर्म के आधार पर नागरिकता देने के लिए सरकार को कोसा। उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने जब कहा कि एनपीआर और एनआरसी भी लागू किया जाएगा तब उन्होंने मेरा नाम लिया। एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि सरकार को सभी लोगों को एक ही नजरिए से देखना चाहिए। ओवैसी ने आगे कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं देना चाहिए।

अमित शाह ने साधा था ओवैसी पर निशाना

हैदराबाद में 12 मार्च को एक रैली के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को जायज ठहराते हुए असदुद्दीन ओवैसी सहित कई विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा था। इस दौरान अमित शाह ने एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी पर सीएए को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि देश में यह झूठ फैलाया जा रहा है कि सीएए लागू होने से देश के अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीन ली जाएगी। अमित शाह ने सभी नेताओं पर इस झूठ के जरिए वोटबैंक की राजनीति करने का भी आरोप लगाया था।

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