सीएम नीतीश एक बार फिर मारेंगे पलटी! महागठबंधन से नाता तोड़ भाजपा से फिर जुड़ेंगे, क्या वाकई बीजेपी में मिलने वाली है अहम जिम्मेदारी?

बिहार की सियासत सीएम नीतीश एक बार फिर मारेंगे पलटी! महागठबंधन से नाता तोड़ भाजपा से फिर जुड़ेंगे, क्या वाकई बीजेपी में मिलने वाली है अहम जिम्मेदारी?

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Update: 2023-01-21 10:45 GMT
सीएम नीतीश एक बार फिर मारेंगे पलटी! महागठबंधन से नाता तोड़ भाजपा से फिर जुड़ेंगे, क्या वाकई बीजेपी में मिलने वाली है अहम जिम्मेदारी?

डिजिटल डेस्क,पटना। बिहार की राजनीति में उतार-चढ़ाव हमेशा देखा गया है। एक बार फिर कयासों का बाजार गरमाया हुआ है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता चंद्रशेखर के बयान पर नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेट ने अपना एक अलग स्टेंड रखा है। जिसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे हैं कि सीएम नीतीश कुमार कोई अहम फैसला ले सकते हैं। वहीं कांग्रेस के साथ उनकी दूरी पहले ही साफ-साफ नजर आ चुकी है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कुछ बड़ा कर सकते हैं। बिहार की राजनीति में साल 2023 काफी उठापटक रहने वाला है। 

एकजुट करना चाहते हैं विपक्ष

सीएम नीतीश कुमार की कोशिश रही है कि वो सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लेकर आएं। जिससे लोकतंत्र को मजबूत किया जा सके। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूदा केंद्र सरकार के खिलाफ बोलते रहते हैं। उनका मानना है कि अगर विपक्ष एक साथ आ जाए तो वह केंद्र सरकार से लड़ सकते हैं। हाल ही में नीतीश ने विपक्ष के कई नेताओं के साथ दिल्ली में मुलाकात की थी। जहां पर सारे विपक्षी नेताओं को एक मंच पर आने का आह्वान भी किया था। बैठक में विभिन्न नेताओं के साथ खिंचाई गई तस्वीरों ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। हालांकि, इसके बाद से राजनीतिक स्तर पर अब तक कुछ खास देखने को नहीं मिला है। 

नहीं मिला था निमंत्रण कार्ड

हाल ही में तेलगांना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने एक बड़ी रैली की। जिसको शाक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया था। राव के रैली में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम, भगवंत मान सिंह और वामंपथी नेता व केरल के सीएम पिनराई विजयन समेत कई अन्य बड़े नेता शामिल रहे थे। गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां सभी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। वहीं केसीआर की रैली से वो नदारद रहे। जब इस पूरे मसले पर सीएम नीतीश कुमार से पूछा गया था। तब उन्होंने कहा कि, मुझे पता नहीं था। नीतीश कुमार को केसीआर की ओर से निमंत्रण कार्ड न मिलने पर कहा था कि मैं केवल चाहता हूं कि सभी राजनीतिक दल एकजुट हो जाएं।

विवादित बयान पर आमने-सामने रहे जेडीयू और आरजेडी

बिहार की राजनीति में दिलचस्प मोड़ तब आया। जब आरजेडी नेता और प्रदेश शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया। मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को दलितों के खिलाफ बताया था। जिसके बाद से ही बीजेपी आक्रमक दिखाई दे रही है। मंत्री के बड़बोले बोल पर भाजपा से ज्यादा जेडीयू को आक्रमक देखा गया। इस पूरे मामले में जेडीयू के नेता ने बिना समय गंवाए हुए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को अपना बयान वापस लेने के लिए कहा था। वहीं सीएम नीतीश कुमार ने भी इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि राजद नेता को इस तरह के बयान से बचना चाहिए। सभी धर्म का सम्मान करना चाहिए। जबकि आरजेडी और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने नेता का खुलकर बचाव किया और कहा कि हर किसी को लोकतंत्र में अपनी बात कहने का अधिकार है। जिसके बाद से ही आरजेडी और जेडायू में मन मुटाव की खबरें आ रही हैं। 

क्या फिर पलटी मारेंगे नीतीश कुमार?

कांग्रेस की बात करें तो बिहार में भले वो महागठबंधन की सरकार का हिस्सा हैं। लेकिन सरकार के बड़े फैसले से वह अलग ही रहती है। हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने तमाम बड़े नेताओं को भारत जोड़ो यात्रा के समापन में शामिल होने के लिए न्योता भेजा है। जो लोकतंत्र की खूबसूरती को बयां करेगी। देश की तरह कांग्रेस बिहार में भी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है। जिसकी शुरूआत 5 जनवरी 2023 से शुरू कर दी है। यह यात्रा बिहार के 17 जिलों से होकर गुजरेगी।

इस यात्रा से जेडीयू ने दूरी बनाते हुए कहा था कि यह कांग्रेस की यात्रा है। हमारी पार्टी से इसका कोई लेना देना नहीं है। इसके बाद से ही कयासों का बाजार गर्म हो गया है। बिहार में मिलकर सरकार चलाने वाली महागठबंधन सरकार में समन्वय नहीं दिख रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, बिहार की सरकार में कुछ बड़ा होने की संभावना है। ऐसा संभव है कि नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं। अगर बिहार में नई सरकार का गठन होता है, तो बीजेपी के हाथ में कमान होगी। जबकि नीतीश कुमार के लिए केंद्र में कोई बड़ी जिम्मेदारी तय की जा सकती है।


 

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