अमरिंदर सिंह ने किसान संघों से कहा- दिल्ली में जो करना है करो, पंजाब को नुकसान मत पहुंचाओ

किसान आंदोलन पर पंजाब सीएम का यू टर्न! अमरिंदर सिंह ने किसान संघों से कहा- दिल्ली में जो करना है करो, पंजाब को नुकसान मत पहुंचाओ

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-13 12:48 GMT
अमरिंदर सिंह ने किसान संघों से कहा- दिल्ली में जो करना है करो, पंजाब को नुकसान मत पहुंचाओ

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को आंदोलन कर रहे किसान यूनियनों पर निशाना साधा और उन पर राज्य को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा के अलावा, किसान संघ पंजाब में 113 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया, यह राज्य के विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।

सिंह ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को याद दिलाया कि यह पंजाब सरकार के समर्थन के कारण है कि वे दिल्ली में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में व्यवधान पैदा करने के बजाय, किसानों को अपनी ऊर्जा केंद्र सरकार को चुनौती देने पर केंद्रित करनी चाहिए। अमरिंदर सिंह ने होशियारपुर में सरकारी कॉलेज मुखिलाना की आधारशिला रखने के बाद कहा, "अगर पंजाब में किसानों को रोका जाता, तो वे सिंघू और टिकरी सीमाओं पर नहीं पहुंच पाते। आप जो भी करना चाहते हैं वो हरियाणा और दिल्ली में करें लेकिन आप पंजाब को नुकसान क्यों पहुंचा रहे हैं?"

अमरिंदर सिंह की इस टिप्पणी ने कई लोगों को आश्चर्यचकित किया। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने पिछले साल आंदोलन शुरू होने के बाद से किसानों के मुद्दे का समर्थन किया था। किसानों के विरोध पर पंजाब के मुख्यमंत्री का यू-टर्न अगले साल राज्य विधानसभा चुनाव से पहले काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेष रूप से, पंजाब में कई किसान संघों के नेताओं ने राजनीतिक दलों से राज्य विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा होने तक प्रचार करने से परहेज करने का आग्रह किया है। किसान नेताओं का मानना ​​है कि चुनावी रैलियों से उनके आंदोलन से ध्यान हटेगा।

तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध को दस महीने पूरे हो गए हैं। वे कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं, जिससे उन्हें डर है कि एमएसपी सिस्टम खत्म हो जाएगा। केंद्र और किसान संघ के नेताओं के बीच कई दौर की बैठक हुई लेकिन इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकल पाया। पिछले कई महीनों में, किसानों का विरोध दिल्ली की सीमाओं से लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब तक फैल गया है।

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