जनता दरबार लगाने पर राजग में सियासत

बिहार जनता दरबार लगाने पर राजग में सियासत

IANS News
Update: 2021-08-25 10:31 GMT
जनता दरबार लगाने पर राजग में सियासत
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  • बिहार में जनता दरबार लगाने पर राजग में सियासत

डिजिटल डेस्क, पटना। राजनीति में लोगों की समस्या सुनना और समाधान के प्रयास करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन बिहार में सत्ताधारी गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों में जनता दरबार लगाने की होड सी मच गई है। राजग में शामिल भाजपा और जदयू के मंत्रियों के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के भी मंत्री अब फरियादियों की फरियाद सुनेंगे।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई वर्षो के बाद इस साल फिर से जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के तहत फरियादियों की समस्या सुनते हैं और उसका समाधान भी निकालते हैं। मुख्यमंत्री के इस जनता दरबार कार्यक्रम में अधिकारी और संबंधित विभाग के मंत्री भी उपस्थित रहते हैं।

इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार लगाना प्रारंभ किया तो भाजपा भी पीछे नहीं रही। नीतीश मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे के मंत्री भी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में निश्चित तिथि पर फरियादियों की फरियाद सुनने लगे। भाजपा ने इस कार्यक्रम का नाम सहयोग रखा है।

भाजपा के मंत्रियों के लिए अलग-अलग दिन निश्चित किए गए हैं, जो निश्चित दिन को पहुंचते हैं और कार्यकर्ताओं तथा लोगों की समस्या सुनते हैं। भाजपा के बाद राजग में शामिल घटक दल जदयू के मंत्री भी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाने लगे और जनता की समस्या सुनते हैं।

इस बीच, हम के मंत्री भी अब जनता दरबार लगाने की घोषणा की है। हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास पर आगामी 31 अगस्त 2021 से प्रत्येक मंगलवार को सुबह 11 बजे से जनता दरबार लगाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि लघु जल संसाधन एवं अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन लोगों की फरियाद सुनेंगे।

माना जा रहा है कि राजग में शामिल सभी दल संगठन विस्तार में जुटे हैं। यही कारण सभी दल जनता से सीधे जुड़ना चाह रहे हैं। बिहार में सत्ताधार राजग में भाजपा, जदयू और हम के अलावे विकासशील इंसान पार्टी शामिल है। बहरहाल, राजग के घटक दल के मंत्री भले ही जनता दरबार लगाकर लोगों की फरियाद सुन रहे हैं, लेकिन जनता की समस्या का कितना समाधान हो रहा है, यह देखने वाली बात होगी।

 

(आईएएनएस)

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