मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर भेजने की बात.. झूठ, झूठ, झूठ : मोदी
मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर भेजने की बात.. झूठ, झूठ, झूठ : मोदी
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां रामलीला मैदान की रैली में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर उठते कई सवालों का जहां जवाब दिया, वहीं गलतफहमियां भी दूर करने की कोशिश की। इस दौरान विपक्ष पर निशाना साधने का उन्होंने कोई मौका भी नहीं छोड़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा कि नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) हो या फिर एनआरसी, इसका देश की 130 करोड़ जनता से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने अर्बन नक्सल शब्द के जरिए शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े-लिखे लोगों पर मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेजने जैसी झूठी बातें फैलाने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने हिंसा के पीछे विपक्ष की मौन सहमति बताते हुए करारा निशाना साधा। उन्होंने धार्मिक भेदभाव के आरोपों को खारिज करते हुए आयुष्मान भारत, उज्जवला आदि योजनाओं के नाम गिनाते हुए पूछा- क्या किसी से जाति या धर्म पूछकर लाभ दिया गया?
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आयोजित इस रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 98 मिनट लंबा भाषण देकर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की।
यह रैली दिल्ली में 1731 अवैध कालोनियों को केंद्र सरकार की ओर से नियमित किए जाने के उपलक्ष्य में भले हुई थी, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां के मंच से देश में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को लेकर शांति बरतने का संदेश देने के साथ गलतफहमियां दूर करने की कोशिश की। उन्होंने विपक्ष पर देश को बदनाम करने की साजिश करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार किसी सभा में नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर उठते सवालों का विस्तार से जवाब दिया। मोदी ने कहा, जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस और उसके साथी, शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े लिखे नक्सली -अर्बन नक्सल, ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। कुछ तो अपनी शिक्षा की कद्र करिए। एक बार पढ़ तो लीजिए नागरिकता संशोधन एक्ट है क्या?
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भारत के किसी नागरिक के लिए, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान, के लिए है ही नहीं। ये संसद में बोला गया है कि इस कानून का इस देश के अंदर रह रहे 130 करोड़ लोगों से कोई वास्ता नहीं है।
प्रधानमंत्री ने सीएए और एनआरसी पर देश के कई हिस्सों में हो रही हिंसा के पीछे विपक्ष की मौन सहमति बताई। उन्होंने कहा, ये लोग उपदेश दे रहे हैं, लेकिन शांति के लिए एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं हैं, हिंसा रोकने के लिए एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। इसका मतलब है कि हिंसा को, पुलिस पर हो रहे हमलों को आपकी मौन सहमति है। यह देश देख रहा है।
मंच पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ पहली पंक्ति में प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के अलावा केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, हरदीप सिंह पुरी सहित सभी दिल्ली के सभी सात सांसद और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, तरुण चुग सहित 16 लोगों को जगह मिली थी। प्रधानमंत्री मोदी के पहुंचने पर प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू और राष्ट्रीय सचिव तरुण चुग ने अगवानी की।
-- आईएएनएस