विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रखने का मुद्दा गरमाया, सदन के अंदर-बाहर भाजपा विधायकों का प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रखने का मुद्दा गरमाया, सदन के अंदर-बाहर भाजपा विधायकों का प्रदर्शन

IANS News
Update: 2022-02-28 09:31 GMT

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष का मुद्दा एक बार फिर गरम है। सदन दो साल से भी ज्यादा वक्त से नेता प्रतिपक्ष के बिना चल रहा है। प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुना है, लेकिन उन्हें अब तक सदन में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं मिली है।

इसे लेकर भाजपा विधायकों ने सोमवार को झारखंड विधानसभा में हंगामा किया। उन्होंने सदन के बाहर भी इस मांग को लेकर धरना दिया। इसके पहले भाजपा सांसदों और विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर उन्हें इस मसले से अवगत कराया था और उचित संवैधानिक कार्रवाई की मांग की थी।

सोमवार को विधानसभा के बजट के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। भाजपा विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देना होगा, लोकतंत्र की हत्या करना बंद करें जैसे नारे लगाये। इसपर स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि यह मामला पहले भी सत्र के दौरान आया है। यह मामला दलबदल की शिकायत से जुड़ा है और इसे लेकर उनके न्यायाधिकरण में लगातार सुनवाई चल रही है। 10 फरवरी को भी इस मामले पर सुनवाई हुई है। जल्द ही इसपर निर्णय ले लिए जाने की उम्मीद है। स्पीकर के इस वक्तव्य के बाद भाजपा विधायक अपनी सीटों पर बैठे। इसके पहले विधायकों ने तख्तियां लेकर सदन के बाहर धरना भी दिया।

बता दें कि इसी मुद्दे पर रविवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश की अध्यक्षता में पार्टी कार्यालय में भाजपा विधायकदल एवं सांसदों की बैठक हुई थी। इसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, विधायकदल के नेता बाबूलाल मरांडी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेंद्र त्रिपाठी भी मौजूद रहे। बैठक में राज्य विधानसभा में बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाये जाने पर आक्रोश व्यक्त किया गया। बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा।

मीडिया से बात करते हुए दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार के इशारे पर विधानसभा अध्यक्ष निर्णय नहीं ले रहे। यह सरकार सदन को संवैधानिक प्रक्रियाओं से नहीं बल्कि तानाशाह की तरह चलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार गठन के 26 माह बीत चुके हैं परंतु सदन की कार्यवाही बिना नेता प्रतिपक्ष के चलाई जा रही है।

भारतीय जनता पार्टी ने सर्वसम्मति से राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री एवं राजधनवार के विधायक बाबूलाल मरांडी को पार्टी के विधायकदल का नेता चुना है और इसकी विधिवत सूचना विधानसभा अध्यक्ष को दी जा चुकी है। परंतु यह राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मुद्दे को विधानसभा अध्यक्ष ने लटका रखा है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का पद रिक्त रहने से राज्य के कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य बाधित हो रहे हैं। सूचना आयुक्त सहित कई संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं, क्योंकि इन नियुक्तियों में नेता प्रतिपक्ष की सहमति अनिवार्य होती है।

(आईएएनएस)

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