पश्चिम बंगाल: TMC में इस्तीफों की झड़ी के बीच जितेंद्र तिवारी ने पार्टी में की वापसी, दो और विधायकों ने छोड़ी पार्टी

पश्चिम बंगाल: TMC में इस्तीफों की झड़ी के बीच जितेंद्र तिवारी ने पार्टी में की वापसी, दो और विधायकों ने छोड़ी पार्टी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-18 18:35 GMT
पश्चिम बंगाल: TMC में इस्तीफों की झड़ी के बीच जितेंद्र तिवारी ने पार्टी में की वापसी, दो और विधायकों ने छोड़ी पार्टी

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक तरफ भाजपा उनकी घेराबंदी में जुटी है, वहीं राज्य में तृणमूल कांग्रेस के विधायकों का पार्टी छोड़ने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को दो और विधायकों ने TMC छोड़ दी। दिन में TMC विधायक शीलभद्र दत्ता के पार्टी छोड़ने की खबर मिली तो वहीं शाम होते-होते TMC विधायक बनासरी मैती ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। वहीं पार्टी अब डैमेज कंट्रोल में लगी है। जितेंद्र तिवारी ने माफी मांगकर पार्टी में वापसी कर ली है। 

तिवारी ने ममता सरकार में मंत्री अरूप विश्वास से मुलाकात के बाद कहा कि मैं टीएमसी के साथ हूं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से माफी मांगूंगा। बताया जा रहा है कि अरूप बिस्वास और प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद उन्होंने यू टर्न लिया है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, तिवारी के भाजपा में आने का बाबुल सुप्रियो विरोध कर रहे थे। 

TMC विधायक बनासरी मैती

उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। बनसारी पार्टी छोड़ने वाले शुभेंदु सरकार के गढ़ कहे जाने वाले पूर्वी मिदनापुर जिले से ताल्लुक रखती हैं। वह जिले की कांति उत्तर से विधायक हैं। यह इस्तीफा ऐसे समय में हो रहा है जब गृहमंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह 2 दिन के बंगाल दौरे पर शनिवार को पहुंच रहे हैं। शाह दो दिनों तक बंगाल में रहेंगे और इस दौरान वह कई बैठकों में हिस्सा लेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान कई नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

गृहमंत्री अमित शाह आज काेलकाता पहुंचेंगे
ममता ने पार्टी की मीटिंग गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे से एक दिन पहले बुलाई है। शाह आज रात कोलकाता पहुंच जाएंगे। 19 और 20 दिसबंर को वे बंगाल में रहेंगे। यहां वे एक रैली करेंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान वे मंदिर में दर्शन करेंगे और रोड शो करेंगे। ऐसी भी अटकलें हैं कि अमित शाह के मिदनापुर में रहने के दौरान TMC के बागी शुभेंदु अधिकारी को भाजपा में शामिल किया जा सकता है।

अब तक इन्होंने छोड़ा TMC का साथ
ममता बनर्जी की पार्टी में विधानसभा चुनाव से पहले भगदड़ मच गई है। इससे पहले आज शुक्रवार सुबह पहले बैरकपुर से विधायक शीलभद्र दत्ता ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर डाला और दोपहर आते-आते अल्पसंख्यक सेल में महासचिव कबिरुल इस्लाम ने भी इस्तीफा दे दिया। शुक्रवार को इन दो नेताओं के बाद अब बनसारी ने भी TMC छोड़ दी है, जो पार्टी की चिंता बढ़ाने वाला है। शीलभद्र दत्ता 24 परगना जिले के बैरकपुर से विधायक हैं। शीलभद्र दत्ता ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। इससे पहले 17 दिसंबर को आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन और विधायक जितेंद्र तिवारी ने TMC छोड़ने का ऐलान किया था, लेकिन उन्होंने पार्टी में वापसी कर ली है। तो वहीं 16 दिसंबर को पूर्व मिदनापुर से विधायक शुभेंदु अधिकारी ने विधायकी और पार्टी दोनों से इस्तीफा दे दिया था। 

प्रशांत किशोर से नाराज थे शीलभद्र दत्ता 
शीलभद्र दत्ता पार्टी छोड़ने से पहले कई बार प्रशांत किशोर को लेकर नाराजगी जता चुके हैं। प्रशांत के काम करने के तरीके को उन्होंने मार्केटिंग कंपनी जैसा करार दिया और कहा था कि ऐसे माहौल में काम नहीं हो सकता है। शीलभद्र के बाद अब TMC नेता कबिरुल इस्लाम ने भी TMC के अल्पसंख्यक सेल के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया।

 

शुभेंदु के इस्तीफे पर विधानसभा स्पीकर की मुहर नहीं
पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस विधायक सुवेंदु अधिकारी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है क्योंकि यह संविधान के प्रावधानों और सदन के नियमों के अनुरूप नहीं है। बनर्जी ने इस बात का जिक्र किया कि अधिकारी ने त्यागपत्र उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं सौंपा।

शुभेंदु के परिवार का 80 से ज्यादा सीटों पर असर
शुभेंदु अधिकारी मिदनापुर जिले के बड़े नेता माने जाते हैं। उनका परिवार कई सालों से सियासत में है। शुभेंदु के पिता कांग्रेस से विधायक और सांसद रह चुके हैं। वे UPA सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे और अभी तृणमूल सांसद हैं। शुभेंदु खुद लगातार विधायक और सांसद का चुनाव जीतते आ रहे हैं।

पहली बार उन्होंने 2006 में विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 2009 में लोकसभा चुनाव जीते। 2014 में भी अपनी सीट पर कब्जा जमाया। 2016 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर परिवहन मंत्री बने। शुभेंदु के एक भाई सांसद और दूसरे नगरपालिका अध्यक्ष हैं। इस परिवार का 6 जिलों की 80 से ज्यादा सीटों पर असर है।
 

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