अगस्त के अंत तक एचडीयू, आईसीयू की संख्या दोगुनी करेगी योगी सरकार

अगस्त के अंत तक एचडीयू, आईसीयू की संख्या दोगुनी करेगी योगी सरकार

IANS News
Update: 2020-08-16 07:00 GMT
अगस्त के अंत तक एचडीयू, आईसीयू की संख्या दोगुनी करेगी योगी सरकार

लखनऊ, 16 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार इस महीने के अंत तक कोविड-19 के मरीजों के लिए उच्च निर्भरता इकाई (एचडीयू) और गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) बेडों की संख्या दोगुनी करने जा रही है।

लखनऊ में कोविड-19 के सभी अस्पतालों के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है जिसमें मेदांता और अपोलो जैसे निजी अस्पताल भी शामिल हैं। इस योजना के तहत 31 अगस्त तक की निर्धारित समय सीमा के भीतर दोनों ही श्रेणियों में फिलहाल उपलब्ध 383 बेडों की संख्या को 928 तक बढ़ाने की बात कही गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इस बात का निर्देश दिया है कि राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए वे इस योजना पर तुरंत काम करना शुरू करें।

इन अस्पतालों का निरीक्षण कर चुके अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि काम की शुरूआत हो चुकी है और एक हफ्ते के भीतर ही अधिकांश बेड लगा दिए जाएंगे।

उन्होंने आगे कहा, हमने अस्पतालों का निरीक्षण किया है और इनमें से कई अपनी मौजूदा क्षमता का प्रसार करेंगे। मेदांता अस्पताल में एक नई शाखा जोड़ी जाएगी जो कोविड के मरीजों को समर्पित होगी। अपोलो अस्पताल ने भी इस महीने के अंत तक 50 बेड उपलब्ध कराने का वादा किया है।

अवस्थी ने कहा कि अगस्त के अंत तक सहारा हॉस्पिटल में 25 बेडों वाला एक नया विंग भी बनाया जाएगा। एक 320 बेडों वाले विंग की भी तैयारी की जा रही है जिनमें से 100 बेड कोविड आईसीयू को समर्पित होंगे।

मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह से भी बात की है और उन्हें शहर में बेड बढ़ाने की योजना से अवगत कराया है।

सिंह ने कहा कि वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध करेंगे कि वे कोरोनोवायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उप्र को सभी सहयोग प्रदान करें।

11 अस्पतालों में मौजूदा 193 एचडीयू बेड 513 तक बढ़ा दिए जाएंगे जबकि आईसीयू बेड 190 से 415 तक बढ़ाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी जिलों में लेवल-2 और लेवल-3 के बेड बढ़ाए जाने चाहिए, हालांकि उन छह जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए जहां से हर रोज संक्रमित मरीजों के अधिकाधिक मामले सामने आ रहे हैं।

एएसएन-एसकेपी

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