इन 4 चीजों का करें जन्माष्टमी के व्रत में सेवन, नहीं लगेगी दिन भर भूख और कमजोरी 

Krishna Janmashtami 2021 इन 4 चीजों का करें जन्माष्टमी के व्रत में सेवन, नहीं लगेगी दिन भर भूख और कमजोरी 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-24 08:44 GMT
इन 4 चीजों का करें जन्माष्टमी के व्रत में सेवन, नहीं लगेगी दिन भर भूख और कमजोरी 

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत में उपवास की परंपरा सदियों पुरानी है। कुछ उपवास ऐसे होते है जिनमें पानी तक नहीं पीते है। जैसे- करवा चौथ, हरतालिका तीज, संकट चौथ। लेकिन, कुछ उपवास ऐसे होते है, जिनमें फलहार ही खाया जाता है जैसे- जन्माष्टमी, नवरात्री, एकादशी। फलाहार का अर्थ है फल एवं कुछ अन्य विशिष्ट सब्जियों से बने हुए खाने। फलाहार में सेंधा नमक का ही इस्तेमाल होता है। तो आज हम आपको बताते है कि, जन्माष्टमी के त्यौहार पर आप किन-किन चीजों का सेवन कर सकते है। 

कच्चे केले की टिक्की


 

फायदें- कच्चे केले में कार्बोहाइड्रेट, रेशे, विटामिन सी एवं विटामिन बी6 अधिक मात्रा में पाया जाता है। केले में पोटाशियम भी बहुत मात्रा में पाया जाता है। 
टिक्की बनाने की विधि - कच्चे केले को हल्का सा उबाल लें। ठंडा होने पर इसे मैश कर लें फिर उसमें स्वाद अनुसार नमक, हरी मिर्च, हरा धनिया, चाट मसाला डालकर अच्छी तरह से मिला लें। फिर उसके छोटे छोटे गोले बना लें और हाथ से हल्का सा दबाकर टक्की के आकार में बना लें। फिर तवे पर हल्का सा तेल लगाकर टिक्की रख लें। सुनहरा होने तक भूने फिर पलटकर हल्का सा तेल लगाकर सुनहरा होने तक सेक लें। इसे दही और हरी चटनी के साथ परोसे। यह फलाहारी टिक्की स्वाद में तो लाजवाब है ही। साथ ही सेहत के लिए भी बहुत अच्छी है। 

शक्कर कंदी का हलवा


फायदें- शक्कर कंद बहुत गुणकारी कंद होता है। इसमें रेशे बहुत होते है। विटामिन ए, सी और लौह तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते है।
बनाने की विधि- शक्कर कंदी को उबाल लें। ठंडा कर के इसका छिलका हटा दें। अब इसेअच्छे से मैश कर लें। एक कढ़ाई में घी गरम करें और इसमें शक्कर कंदी को दस-बारह मिनट के लिए भूने। फिर इसमें शक्कर डालें और अच्छे से मिलाकर 5-6 मिनिट के लिए भूने फिर उसमें काजू और बादाम डाले और आंच बंद कर दें। अब इसमें हरी इलाइची डालें और हल्वा परोसने के लिए तैयार है। 

कुट्टू के पराठे


बनाने की विधि- उबले आलुओं को छिलका निकाल कर मसल लें। फिर उसमें बारीक कटी हुइ हरी मिर्च और नमक मिला लें। अब एक कटोरे में कुट्टू का आटा लें और उसमें आलू का मिश्रण मिला लें। इसमें थोड़ा थोड़ा पानी मिलाते हुए कड़ा आटा गूंथ लें अब दस मिनिट के लिए आटे को ठक कर रख लें। दस मिनट बाद आटे की लोई बनाकर तेल या घी की मदद से लोई को चिकना करें और सूखे आटे की मदद से तीन चार इंच का पराठा बेल लें। तवे को गरम होने के लिए रखे। तवे की सतह पर हल्का सा घी लगाकर चिकना करें और उसके उपर पराठा डाल लें। तीस पैंतीस सेकेंड बाद पराठे को पलट दें। दोनों तरफ तेल या घी लगाकर मीडियम आंच पर सेक लें। इन पराठो को व्रत की लौकी या दही के आलू के साथ परोसे। 

साबूदाने का पुलाव


बनाने की विधि- साबूदाने को धोकर 2-3 घंटे के लिए भिगों दे। आलू को छीलकर धो लें और उसे छोटे छोटे टुकड़ो में काट लें। एक नॉन स्टीक कढ़ाई में घी या तेल गरम करिए। अब उसमें मूंगफली डालकर 4-6 मिनट भून लें। फिर उसमें कटी हरी मिर्च डालें कुछ सेकेंड के लिए भूने अब कटे आलू डालकर एक मिनिट के लिए भूने। अब इसमें नमक डालें और सभी सामाग्री को अच्छे से मिलाएं। आंच को धीमा कर के आलू गलने तक पकाएं। फिर उसमें भीगा हुआ साबूदाना डालकर अच्छे से मिलाएं और दो मिनट तक भूने। अब ढक्कन लगाकर साबूदाने को पारदर्शी होने तक पकाएं। 
 

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