मुक्केबाजी ओलंपिक क्वालीफायर : भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

मुक्केबाजी ओलंपिक क्वालीफायर : भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

IANS News
Update: 2020-03-11 17:00 GMT
मुक्केबाजी ओलंपिक क्वालीफायर : भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
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  • मुक्केबाजी ओलंपिक क्वालीफायर : भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (लीड-1)

डिजिटल डेस्क, अम्मान। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता भारतीय मुक्केबाज मनीष कौशिक (63 किग्रा) ने यहां जारी एशिया/ओसनिया ओलम्पिक क्वालीफायर में जीत दर्ज कर टोक्यो ओलंपिक के लिए भारत को ऐतिहासिक नौवां कोटा दिला दिया। भारत का मुक्केबाजी में ओलंपिक के इतिहास में अब तक का यह सबसे ज्यादा कोटा है। भारत ने इससे पहले 2012 के लंदन ओलंपिक में आठ और 2016 के रियो ओलंपिक में छह कोटा हासिल किया था।

भारत ने इससे पहले, 1996 में तीन, 2000 में चार, 2004 में चार और 2008 में पांच ओलंपिक कोटा हासिल किया था। भारत ने महिला वर्ग में पांच में से चार कोटा हासिल कर लिया है जबकि 57 किग्रा का कोटा अभी बाकी है। वहीं, पुरुष वर्ग में भारत को अब तक कुल आठ में से पांच कोटा नसीब हुआ है और अभी 57, 81 तथा 91 किग्रा का कोटा बाकी है।

मनीष ने बॉक्स ऑफ बाउट मुकाबले में बुधवार को आस्ट्रेलिया के हेरिसन गार्साइड को 4-1 से हराकर ओलंपिक कोटा हासिल किया। यह उनका पहला ओलंपिक कोटा है। मनीष 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में गार्साइड से हार गए थे और अब उन्होंने इस जीत के साथ ही पिछली हार का बदला भी चुकता कर लिया है। कौशिक और सचिन को क्वार्टर फाइनल के अपने-अपने वर्ग के मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था और फिर उन्हें बॉक्स ऑफ बाउट मुकाबले में खेलने का मौका मिला।

कौशिक ने जहां बॉक्स ऑफ बाउट मुकाबले में जीत दर्ज कर ओलंपिक कोटा पा लिया वहीं सचिन को 81 किग्रा के बॉक्स ऑफ फाइनल मुकाबले में ताजिकिस्तान के शाबोस नेगमातुएलोव से 0-5 से हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले, दिन के एक अन्य मुकाबले में कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता और तीसरी बार ओलम्पिक का टिकट पाने वाले विकास कृष्ण को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।

टोक्यो ओलंपिक के लिए पहले ही कोटा हासिल कर चुके विकास को फाइनल में जॉर्डन के जायेद एशास से भिड़ना था लेकिन चोटिल होने के कारण उन्हें मुकाबले से हटना पड़ा और रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। महिला वर्ग में सिमरनजीत कौर 60 किग्रा के फाइनल में पहुंच चुकी हैं जबकि एमसी मैरी कॉम (51 किग्रा), अमित पंघल (52 किग्रा), लवलिना बोहोरगेन (69 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा), आशीष कुमार (75) और सतीश कुमार (91 प्लस) को सेमीफाइनल में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा है।

 

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