मौका मिला तो गडकरी के विरोध में चुनाव लड़ूंगा : आशीष देशमुख

मौका मिला तो गडकरी के विरोध में चुनाव लड़ूंगा : आशीष देशमुख

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-06 10:37 GMT
मौका मिला तो गडकरी के विरोध में चुनाव लड़ूंगा : आशीष देशमुख

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधायक पद से इस्तीफा दे चुके आशीष देशमुख ने कहा है कि मौका मिलने पर वे नागपुर लोकसभा सीट से नितीन गडकरी के  विरोध में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि नागपुर सीट गडकरी के लिए अनुकूल नहीं हैं। भाजपा को काटोल विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराकर जीतने की चुनौती भी उन्होंने दी। शनिवार को पत्रकार क्लब में प्रेस कांफ्रेंस वे बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर को विधायक पद से इस्तीफा देने व विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा पत्र सौंपने के बाद भी उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। विधानसभा नियमावली व न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि तत्काल इस्तीफा मंजूर नहीं कियेे जाने को लेकर उन्हें संदेह है। 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं। लिहाजा उनका इस्तीफा मंजूर कर काटोल में विधानसभा का उपचुनाव कराया जाना चाहिए। 

गडकरी ने विदर्भ को धोखा दिया

विदर्भ राज्य की मांग दोहराते हुए देशमुख ने कहा कि गडकरी ने विदर्भ को धोखा दिया है। केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार होनेे के बाद भी भाजपा विदर्भ का नाम नहीं ले रही है। भाजपा ने विदर्भ राज्य बनाने का वादा किया था। भाजपा ने विदर्भ की पीठ में खंजर घोंपा है।  हलबा समाज को दिया गया आश्वासन भी पूरा नहीं हुआ है। आश्वासन पूरे नहीं होने से जनता मेें रोष है। नागपुर में अल्पसंख्यक, दलित समाज में भी गहरा रोष है। गडकरी को वे काका मानते हैं। चाहते हैं कि काका सांसद बने। लेकिन नागपुर में भाजपा व गडकरी के लिए अड़चन है। ऐसे में गडकरी ने सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहिए। विधानसभा के बजाय केवल केंद्र की राजनीति में रुचि व्यक्त करते हुए श्री देशमुख ने कहा कि वे विदर्भ की किसी भी लोकसभा सीट से चुुनाव लड़ने को तैयार है। राष्ट्रीय विचारों के साथ वे कांग्रेस के करीब है। उनकी राजनीतिक दिशा तय है। जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। 

पत्र लिखकर विधायकों का लेंगे मत

श्री देशमुख ने कहा कि भाजपा के कई विधायक नाराज हैं। इस्तीफे के बाद विधायकों ने फोन करके उनके समर्थन किया हैै। जल्द ही वे भाजपा के विधायकों को पत्र लिखेंगे। और विविध मामलों में उनकी पार्टी व पार्टी नेताओं के प्रति असंतोष की जानकारी लेंगे। सरकार व भाजपा से जनता नाराज है। जनप्रतिनिधि भी नाराज हैं। विदर्भ में62 में से 44 भाजपा के विधायक हैं। उनमें भी रोष है। सभी से उनका मत लिया जायेगा। 

कांग्रेस से उम्मीद

कांग्रेस में नया नेतृत्व व नया जोश है। लिहाजा कांग्रेस से अब काफी उम्मीद है। कांग्रेस ने ही तेलंगाना राज्य बनाया। विदर्भ राज्य की मांग का विषय भी कांग्रेस नेताओं के सामने रखा जाएगा। फिलहाल कांग्रेस से बिना शर्त जुड़े हुए हैं। विधायक पद से इस्तीफे की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कांग्रेस में प्रवेश लेंगे। 

कांग्रेस कार्यकर्ता विलासित व प्रफुल्लित 

कांग्रेस में प्रवेश व संभावित चुनौतियों से जुड़े सवाल पर श्री देशमुख ने कहा कि उनको लेकर तो नागपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता विलासित और प्रफुलित हुए हैं। गौरतलब है कि श्री देशमुख के कांग्रेस प्रवेश को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार व कांग्रेस के प्रदेश महासचिव प्रफुल गुडधे के समर्थकों का विरोध होनेे की चर्चा है।

काटाेल में काका से लड़ा था नागपुर में भी काका से लड़ने को तैयार

श्री देशमुख ने कहा कि काटोल विधानसभा क्षेत्र में उनका मुकाबला काका अर्थात चाचा अनिल देशमुख के साथ हुआ था। नितीन गडकरी को भी वे काका कहते हैं। मौका मिलने पर गडकरी काका के खिलाफ मैदान में उतरेंगे।

 

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