महाराष्ट्र के भाजपा विधायक देशमुख का इस्तीफा, कहा- सरकार भटक गई है

महाराष्ट्र के भाजपा विधायक देशमुख का इस्तीफा, कहा- सरकार भटक गई है

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-02 09:35 GMT
महाराष्ट्र के भाजपा विधायक देशमुख का इस्तीफा, कहा- सरकार भटक गई है
हाईलाइट
  • कहा सराकार गांधी के पद-चिन्हों परनहीं चल रही है
  • भाजपा विधायक आशीष देशमुख ने दिया इस्तीफा
  • लंबे समय से नाराज चल रहे थे देशमुख

डिजिटल डेस्क, नागपुर। काफी समय से नाराज चल रहे काटोल के भाजपा विधायक आशीष देशमुख ने आखिरकार मंगलवार 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती पर विधानसभा सदस्यता यानी विधायक पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे का पत्र उन्होंने ई-मेल और फैक्स के जरिये विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे को भेजा है। बुधवार को मुंबई में प्रत्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपना इस्तीफा भी सौंप देंगे। जल्द ही भाजपा संगठन से इस्तीफा देने का भी निर्णय लिया है। अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए विधायक आशीष देशमुख ने कहा कि आज महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है। महात्मा गांधी ने विश्व को शांति और सदभाव का संदेश दिया था। सरकार और भाजपा, महात्मा गांधी का नाम ले रही है, लेकिन उनके पद-चिन्हों पर नहीं चल रही है। सरकार और पार्टी रास्ता भटक गई है। राज्य की जनता की हालत खराब है। किसान और युवा को गुमराह किया जा रहा है। देश और राज्य अवगति की ओर है। इसके खिलाफ मैंने आवाज उठाने की कोशिश की। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। आवाज उठाने वाले को दबाने का काम किया जा रहा है। अब पार्टी में बचा ही क्या है। जल्द पार्टी से भी इस्तीफा दूंगा।

नाराज थे विधायक
गौरतलब है कि लंबे समय से आशीष देशमुख सरकार से नाराज चल रहे हैं। समय-समय पर उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। कभी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तो कभी बयान देकर सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहे। 2017 के नागपुर अधिवेशन के ठीक पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर उन्होंने पृथक विदर्भ, किसान, रोजगार के मुद्दे पर  सरकार को विफल बताया था। भाजपा से नाराज व बागी माने जा रहे यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा को भी अपने कार्यक्रमों में बुलाकर पार्टी की काफी किरकिरी करायी थी। मंच से सीधे-सीधे पार्टी को चुनौती देने की कोशिश भी की गई थी। इनके अलावा उन्होंने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी अपने मंच पर बुलाकर पार्टी के खिलाफ खुली बगावत छेड़ दी थी। ऐसे कई मौके आए, जब वे सरकार और पार्टी के लिए मुसीबत बनते रहे। ऐसे में उनके जल्द इस्तीफा देने की संभावना जताई जा रही थी। आखिरकार मंगलवार को महात्मा गांधी की जयंती का औचित्य साधते हुए उन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर जल्द पार्टी को भी राम-राम करने की घोषणा की। 
 

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