बैंक को 3 करोड़ की चपत, एक ही नंबर के दो चेक से फ्रॉड

बैंक को 3 करोड़ की चपत, एक ही नंबर के दो चेक से फ्रॉड

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-11 08:54 GMT
बैंक को 3 करोड़ की चपत, एक ही नंबर के दो चेक से फ्रॉड

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  अंबाझरी थानांतर्गत एग्रो कंपनी के दो संचालक भाइयों ने फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से पुसद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक को 3 करोड़ की चपत लगाई है। दूसरी तरफ मानकापुर थाना क्षेत्र में फर्जी चेक के जरिए खाते से लाखों रुपए की रकम का गबन किया गया है। दोनों मामलों में संबंधित थानों में प्रकरण दर्ज किया गया है। 

फर्जी हस्ताक्षर से दिया घटना को अंजाम
अमरावती राेड पर म्हाडा कमर्शियल कॉम्पलेक्स में यूनिक एग्रो प्रो. इंडिया कंपनी का दफ्तर है। इसमें वर्ष 2012 में गोपाल लक्ष्मण कोंडालवार और संजय लक्ष्मण कोंडालवार दोनों रामदापेठ निवासी कंपनी के संचालक मंडल में थे। दोनों भाइयों ने कंपनी के अन्य संचालक मंडल तथा सदस्यों की बैठक नहीं ली, लेकिन दस्तावेजों में संचालक मंडल की बैठक होने का जिक्र किया। इसके बाद गांधीबाग स्थित पुसद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक से कंपनी के नाम से 3 करोड़ रुपए का कर्ज लिया और किश्तों में पूरी रकम खुद के जगदंबा रियल इस्टेट लिमिटेड कंपनी के खाते में ट्रांसफर करवा लिए। इस कर्ज की रकम अभी तक संबंधित बैंक को वापस नहीं की गई है। 

संचालक मंडल बदलने से खुला राज
कुछ समय बाद यूनिक एग्रो कंपनी का संचालक मंडल बदल गया। नए संचालक मंडल ने कंपनी के आर्थिक व्यवहार की जांच-पड़ताल की, तो कंपनी के नाम से तीन करोड़ रुपए का कर्ज होने की बात सामने आई। उसके बाद इस मामले को लेकर सभी संचालकों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलने लगा। कोंडालवार बंधुओं से इस संबंध में सवाल-जवाब तलब किया गया, लेकिन दोनों भाइयों ने कंपनी को संतोषजनक जवाब नहीं दिया। मामले से कंपनी के नाम से करोड़ों रुपए का गबन करने का खुलासा हुआ। उसके बाद संबंधित थाने में इसकी शिकायत की गई। जांच के दौरान भी धोखाधड़ी करने की पुष्टि हुई है। दोनों आरोपी भाई गोपाल और संजय के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

एक ही नंबर के दो चेक ने उलझाया
धोखाधड़ी का दूसरा मामला मानकापुर थाना क्षेत्र  की है। 16 अप्रैल 2019 की दोपहर डेढ़ बजे बिल्डर सागर कोहले मानकापुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में चेक लेकर पहुंचा। चेक 23 लाख 70 हजार रुपए का था, जो बिहार के संजय कुमार सिंह नामक व्यक्ति ने सागर को दिया था। रकम सागर के खाते में जमा करने के पूर्व बैंक अधिकारी शीतल विनोद खुलसाम ने संजय कुमार सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया, तब बैंक ने उक्त रकम का चेक सागर के खाते में जमा किया। बाद में सागर ने उक्त रकम में से आरोपी बरबटे आटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, स्वप्निल सुभाष, श्वेता पुष्पकुमार हजारे, नितीन नारायण निखडे, ज्योतिराम देव और अन्य लोगों के खाते में रकम ट्रांसफर कर दी। इस बीच खुलासा हुआ कि संजय कुमार ने सागर को कोई चेक नहीं दिया है।

पुलिस ने सागर को किया गिरफ्तार
जिस नंबर का चेक सागर ने बैंक में जमा किया है, उसी नंबर का चेक संजय कुमार के पास है। आखिरकार एक ही नंबर के दो चेक कैसे बने, यह सवाल उठ खड़ा हुआ है। तकनीकी खामी के कारण कहीं एक ही नंबर के चेक तो नहीं छापे गए हैं, यह कयास लगाया जा रहा है। मामला लाखों रुपए की रकम से जुड़ा होने और इसकी गंभीरता के चलते पुलिस ने बैंक अधिकारी की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर सागर को गिरफ्तार किया गया है।   उसे तीन दिन के पीसीआर में लिया गया है। निरीक्षक वजीर शेख मामले की जांच कर रहे हैं।

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