मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने कुछ इस तरह खत्म किया 15 साल का वनवास

मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने कुछ इस तरह खत्म किया 15 साल का वनवास

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-12 10:04 GMT
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने कुछ इस तरह खत्म किया 15 साल का वनवास
हाईलाइट
  • 15 साल बाद सत्ता में हुई शानदार वापसी
  • मध्य प्रदेश में खत्म हुआ कांग्रेस का वनवास
  • साल 2013 की तुलना में इस बार बढ़ा वोटशेयर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। जमकर प्रचार फिर मतगणना और अंत में परिणाम। मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। कांग्रेस अपना वनवास खत्म करके वापस मध्य प्रदेश में लौट आई है। मध्य प्रदेश की सियासत को लेकर कांटे की लड़ाई में आखिरकार बाजी कांग्रेस के हाथ लगी है। कांग्रेस 114 सीटों के साथ भले ही साधारण बहुमत से 2 सीट पीछे रह गई, लेकिन बीएसपी, एसपी और निर्दलियों की वजह से सत्ता अब उसके हाथ में है। बीजेपी को 109 सीटें मिली हैं, लेकिन इस बार वनवास काटकर वापसी सत्ता में वापसी करने के पीछे सबसे बड़ी वजह कांग्रेस का वोटशेयर बना है। 

गौरतलब है कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कांग्रेस के वोटशेयर में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। 2013 में कांग्रेस (36.38%) का वोटशेयर बीजेपी (44.88%) से 8.5% कम था। इस बार, कांग्रेस ने उस अंतर को पाट दिया है। इस बार बीजेपी का वोटशेयर 41 प्रतिशत है और कांग्रेस का वोटशेयर 40.9 प्रतिशत है यानी 0.1 प्रतिशत का अंतर। पिछली बार के मुकाबले बीजेपी के वोटशेयर में 3.88 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं, कांग्रेस का वोटशेयर 4.52 प्रतिशत बढ़ा है। 

 

बता दें कि मध्य प्रदेश में बीते 15 सालों से बीजेपी की सरकार थी। लेकिन शिवराज सरकार की नाकामी और कमियों के चलते इस बार सत्ता में वापसी नहीं कर सकी। बेरोजगारी, किसानों का कर्ज, महिला सुरक्षा जैसे कई बड़े मुद्दे शामिल थे। एंटी-इंकंबेसी के अंडरकरंट और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किसानों के कर्जमाफी के वादे की युगलबंदी से, यह अनुमान लगाया जा रहा था कि किसानों के 70 प्रतिशत वोटबैंक की बदौलत कांग्रेस मध्य प्रदेश में स्वीप करेगी। दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया की तिकड़ी ने सत्ता में वापसी के लिए शानदार प्रदर्शन किया। सभी का अनुमान ज्यादा सीटें जीतने का था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। 

 

 

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