अवमानना मामलाः SC ने प्रशांत भूषण पर लगाया 1 रुपये का जुर्माना, वकील राजीव धवन ने दिया पैसा

अवमानना मामलाः SC ने प्रशांत भूषण पर लगाया 1 रुपये का जुर्माना, वकील राजीव धवन ने दिया पैसा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-31 07:23 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज (31अगस्त) फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर उन्हें तीन महीने तक की जेल हो सकती है और तीन साल तक उनकी प्रैक्टिस पर पाबंदी लगाई जा सकती है। प्रशांत भूषण को 15 सितंबर एक रुपये का जुर्माना जमा करना है। हालांकि कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद ही भूषण के वकील राजीव धवन ने जुर्माने के तौर पर एक रुपया जमा कर दिया है। बता दें कि प्रशांत भूषण ने SC और चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े के खिलाफ ट्वीट किया था। 

पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल 25 अगस्त को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, माफी मांगने में गलत क्या है, क्या यह शब्द इतना बुरा है। भूषण माफी नहीं मांगने की जिद पर अड़े रहे।

कोर्ट के खिलाफ प्रशांच भूषण ने किया था ट्वीट
पहला ट्वीट

प्रशांत भूषण ने  27 जून को अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ और दूसरा ट्वीट चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े के खिलाफ किया था। प्रशांत भूषण ने अपने पहले ट्वीट में लिखा था कि जब भावी इतिहासकार देखेंगे कि कैसे पिछले छह साल में बिना किसी औपचारिक इमरजेंसी के भारत में लोकतंत्र को खत्म किया जा चुका है, वो इस विनाश में विशेष तौर पर सुप्रीम कोर्ट की भागीदारी पर सवाल उठाएंगे और मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को लेकर पूछेंगे। 

दूसरा ट्वीट
दूसरा ट्वीट उन्होंने 29 जून को चीफ जस्टिस बोबड़े के खिलाफ किया था। प्रशांत भूषण ने कहा था, भारत के चीफ़ जस्टिस ऐसे वक़्त में राज भवन, नागपुर में एक बीजेपी नेता की 50 लाख की मोटरसाइकिल पर बिना मास्क या हेलमेट पहने सवारी करते हैं जब वे सुप्रीम कोर्ट को लॉकडाउन में रखकर नागरिकों को इंसाफ़ पाने के उनके मौलिक अधिकार से वंचित कर रहे हैं।

छह महीने तक की जेल की सजा का प्रावधान
कंटेम्ट ऑफ कोर्ट्स एक्ट, 1971 के तहत छह महीने तक की जेल की सजा जुर्माने के साथ या इसके बगैर भी हो सकती है। इसी कानून में ये भी प्रावधान है कि अभियुक्त के माफी मांगने पर अदालत चाहे तो उसे माफ कर सकती है। बेंच ने इस मामले में प्रशांत भूषण को 22 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट का बचाव करते हुए कहा था, उनके ट्वीट न्यायाधीशों के खिलाफ उनके व्यक्तिगत स्तर पर आचरण को लेकर थे और वे न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न नहीं करते।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को 24 अगस्त तक बिना शर्त माफी माफीनामा दाखिल करने का समय दिया था, लेकिन प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में माफी मांगने से इनकार कर दिया था। भूषण ने लिखित जवाब दाखिल कर कहा था, "मुझे नहीं लगता कि ट्वीट के लिए माफी मांगने की जरूरत है।"

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