उम्मीदवार के नाम पर सहमति की कवायद

विधान परिषद चुनाव उम्मीदवार के नाम पर सहमति की कवायद

Anita Peddulwar
Update: 2021-11-11 10:17 GMT
उम्मीदवार के नाम पर सहमति की कवायद

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  विधान परिषद की नागपुर स्थानीय निकाय संस्था सीट के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही चुनावी हलचल तेज हो चुकी है। संख्या बल के आधार पर भाजपा की स्थिति मजबूत है, लेकिन कांग्रेस भी स्वयं को कमजोर नहीं मानती है। कांग्रेस में उम्मीदवार के नाम पर सहमति जुटाने की कवायद शुरू हो गई है।   पशु संवर्धन मंत्री सुनील केदार ने रविभवन में इस संबंध में कांग्रेस पदाधिकारियों से चर्चा की है। जिला परिषद व नगर परिषद के सदस्य बैठक में थे। सूत्र बताते हैं कि इस बैठक के माध्यम से विप के लिए उम्मीदवार के नाम पर पदाधिकारियों का रुझान जानने का प्रयास किया है। बैठक में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजेंद्र मुलक व शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे भी शामिल हुए। 

चमत्कार का विश्वास 
कांग्रेस के कुछ पदाधिकारियों को विश्वास है कि इस चुनाव में महाविकास आघाड़ी एकत्र रही, तो चुनाव परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। संख्या बल के आधार पर भाजपा भले ही आगे है, लेकिन कांग्रेस के पक्ष में चमत्कार हो सकता है। इससे पहले 2009 के चुनाव में भाजपा के पास संख्या बल अधिक था, लेकिन कांग्रेस के राजेंद्र मुलक ने भाजपा उम्मीदवार अशोक मानकर को पराजित कर दिया था। दावा किया जा रहा है कि उस चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस के िलए अधिक अनुकूल स्थिति है। सुनील केदार जिले में कांग्रेस के प्रभावशाली नेता के तौर पर उभरे हैं। मुकुल वासनिक, नितीन राऊत सहित अन्य नेता एकत्र हुए, तो कांग्रेस के उम्मीदवार की स्थिति मजबूत रहेगी। फिलहाल कांग्रेस में उम्मीदवार के तौर पर राजेंद्र मुलक का नाम ही प्रमुखता से सामने आ रहा है। मुलक को राज्य की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का करीबी नेता माना जाता है। जिले की राजनीति में कांग्रेस ही नहीं भाजपा में प्रभावी स्थिति रखनेवाले नेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं।

चर्चा में रहा है मुलक का चुनाव
विप चुनाव को अन्य चुनावों की तुलना में अलग माना जाता है। इसमें सीमित मतदाताओं के मत पाने के लिए उम्मीदवार की आर्थिक स्थिति की ओर भी देखा जाता है। कांग्रेस के पास और भी दो से तीन नाम हैं। संख्या बल देखें तो जिला परिषद में 36, मनपा 29 के अलावा नगर परिषद, जिला परिषद व पंचायत समिति में कांग्रेस सदस्यों की संख्या काफी है। इससे पहले मुलक जब विप चुनाव जीते थे, तब आर्थिक लालच का मुद्दा चर्चा में था। आरोप लगाया गया है कि प्रत्येक मतदाता के लिए उपहार तय किए गए थे। मुलक ने मतदाताओं को स्पायपेन के साथ मतदान केंद्र तक भेजा था। तब भाजपा उम्मीदवार मानकर का आरोप था कि मतदाताओं की निगरानी के लिए स्पायपेन का इस्तेमाल कराया गया। उन्होंने न्यायालय की शरण भी ली थी। उसके बाद मतदान केंद्र पर स्पायपेन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई। 

सहमति से तय होगा उम्मीदवार
विप चुनाव में संख्या बल से अधिक चुनाव नियोजन का महत्व रहता है। इससे पहले कम संख्या के बाद भी कांग्रेस ने चुनाव जीता था। महाविकास आघाड़ी एकत्र लड़ेगी, तो निश्चित ही वह जीतेगी। कांग्रेस में उम्मीदवार चयन का निर्णय सहमति से लिया जाता है। पदाधिकारियों के अलावा नेताओं के बीच सहमति के बाद उम्मीदवार तय होगा। फिलहाल जिला परिषद व पंचायत समितियों में कांग्रेस के नेतृत्व व पदाधिकारी के चयन को लेकर बैठक में चर्चा हुई है।
राजेंद्र मुलक, अध्यक्ष कांग्रेस जिला ग्रामीण


 

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