नाग नदी के किनारे बसे हजारों लोगों को बेघर करने का विरोध, आंदोलन की चेतावनी

नाग नदी के किनारे बसे हजारों लोगों को बेघर करने का विरोध, आंदोलन की चेतावनी

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-22 10:45 GMT
नाग नदी के किनारे बसे हजारों लोगों को बेघर करने का विरोध, आंदोलन की चेतावनी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नाग नदी सौंदर्यीकरण के लिए नदी के किनारे से 15 मीटर की जमीन डेवलपमेंट जोन घोषित की जाएगी। आगामी 24 सितंबर को मनपा की आमसभा में इस संबंध में प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखा जा सकता है। यदि ऐसा होता है, तो हजारों लोग बेघर हो जाएंगे। पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था की पूर्व सूचना दिए बिना इस तरह के कदम उठाकर गरीबों को बेघर करने का भाजपा पर षडयंत्र रचा जाने का आरोप कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे ने लगाया। उन्होंने मनपा के इस निर्णय के विरोध में ताल ठोकते हुए समविचारा दलों के साथ मिलकर तीव्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी। 

जापान से कर्ज लेकर वर्ष 2019 में मनपा नाग नदी का सौंदर्यिकरण करने जा रही है। इस प्रकल्प को आगे बढ़ाने के िलए मनपा को प्रस्ताव पारित करना जरूरी है। प्रस्ताव पारित होने पर पूर्व नागपुर के नंदनवन, कुंभारटोली, बजरंग नगर, जूनी पारडी, भरतवाड़ा, पुनापुर आदि झोपड़पट्टियाें का स्थानांतरण करना होगा। नाग नदी के दूषित पानी से गोसीखुर्द परियोजना का पानी दूषित हो रहा है। नदी से सटी खेतों की फसल नष्ट हो रही है। लोंढे ने कहा कि नदी के सौंदर्यीकरण से शुद्धिकरण ज्यादा जरूरी है। पानी शुद्ध करने के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इसे नजरअंदाज कर चंद लोगों के विकास के लिए भाजपा सरकार गरीबों की जिंदगी के साथ खेल खेल रही है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले विकास के नाम पर भरतवाड़ा पुनापुर में स्मार्ट सिटी के नाम पर गरीबों को बेघर करने का षडयंत्र रचा गया था। अब नाग नदी के सौंदर्यीकरण के लिए नदी किनारे से 15 मीटर जमीन डेवलपमेंट जोन घोषित करने का प्रस्ताव लाकर लोगों के दिल में डर पैदा किया जा रहा है। उनका पुनर्वास कहां किया जाएगा, इसका किसी के पास जवाब नहीं है। एक ओर जमीन के मालिकाना पट्टे देने का वादा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर गरीबों के झोपड़े तोड़कर उनका रोजगार छीना जा रहा है। अब घरों को हटाकर बेघकर करने का षड्यंत्र रचा गया है। भाजपा के इस षड्यंत्र का विरोध करने समविचारी दलाें को साथ लेकर मनपा पर मोर्चा निकाला जाएगा। भाजपा की इस नीति के विरोध में जनमत जुटाने डॉ. प्रशांत बनकर, पुरुषोत्तम लोणारे, राजू खांडेकर, राजेश माकड़े, रवि बाेरकर, मिलिंद दुपारे, बबलू मेश्राम, राजू मेश्राम, शुभम् मोटघरे, नरेंद्र जैन, अंकुश भोवते, धीर क्षीरसागर आदि प्रयास कर रहे हैं।

 

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