एट्रोसिटी मामले में पूर्व सीएम नारायण राणे को हाईकोर्ट से मिली राहत

एट्रोसिटी मामले में पूर्व सीएम नारायण राणे को हाईकोर्ट से मिली राहत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-14 18:57 GMT
एट्रोसिटी मामले में पूर्व सीएम नारायण राणे को हाईकोर्ट से मिली राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने जातिसूचक टिप्पणी से जुड़े एक मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद नारायण राणे को अंतरिम राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने साफ किया है कि जब तक हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है तब तक निचली अदालत में प्रलंबित मामले की सुनवाई पर रोक लगाई जाती है।

इससे पहले सत्र न्यायालय ने राणे को राहत देने से इंकार करते हुए उनके आवेदन को खारिज कर दिया था। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ राणे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर न्यायमूर्ति अमजद सैय्यद की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने राणे को अंतरिम राहत प्रदान की।

गौरतलब है कि पूर्व मंत्री व एनसीपी नेता पद्माकर वलवी ने राणे, तत्कालिन शिवसेना नेता बाला नंदगावंकर व रवि शेंडगे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता व शेड्युल्ड कास्ट व शेड्युल्ड ट्राइब (प्रिवेंशन आफ एट्रासिटी एक्ट) के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। तीनों पर साल 2002 में वलवी का अपहरण करने का भी आरोप लगा था। यह अपहरण विलासराव देशमुख की अगुवाई में बनी सरकार को गिराने के लिए किया गया था। लेकिन 13 जून 2002 को देशमुख की सरकार ने विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर लिया था।

इसी दिन कफपरेड पुलिस ने वलवी का बयान दर्ज किया था और तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323,341,342,365,506 व 120 के तहत मामला दर्ज किया था। जब वलवी के अपहरण की घटना घटी थी उस समय राणे व नांदगांवकर शिवसेना में थे।

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