सेवाग्राम में लगेगा विश्व का सबसे बड़ा चरखा, गांधी जयंती पर होगा लोकार्पण

सेवाग्राम में लगेगा विश्व का सबसे बड़ा चरखा, गांधी जयंती पर होगा लोकार्पण

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-25 08:27 GMT

डिजिटल डेस्क, वर्धा। महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में विश्व का सबसे बड़ा चरखा लगेगा। जिसकी ऊंचाई 18 फीट, चौड़ाई 11 फीट  3.1 फीट है।  आगामी 2  अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के दिन लगने वाले चरखे में कई खूबियां होंगी। चरखा मंद गति से असली चरखे की तरह घूमेगा तथा दिन विशेष के तहत रंग भी बदलेगा।

मुंबई के जे.जे. आर्ट महाविद्यालय ने किया निर्माण
उल्लेखनीय है कि चरखा गांधीजी के रचनात्मक कार्यक्रम का प्रत्यक्ष स्वरूप तथा देश सेवा का प्रतीक है। इस चरखे के माध्यम से  उन्होंने स्वदेशी, स्वयंपूर्णता तथा स्वतंत्रता की मशाल देशवासियों के मन में जलाई। यह श्रम , समानता तथा एकता का प्रतीक भी माना जाता  है। इस कारण उनकी 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में उन्हें आदरांजलि के तौर सेवाग्राम में चरखा लगाने का निर्णय लिया गया है। खादी व हस्तकला का प्रतीक चरखा कलात्मक पद्धति से रखने की जिम्मेदारी मुंबई के जे.जेे. स्कूल आफ आर्ट महाविद्यालय को दी गई है।  

हर पंखुड़ी पर रहेंगे गांधीजी के विचार
फिलहाल सबसे ऊंचा चरखा दिल्ली के हवाईअड्डे पर लगा है जिसकी ऊंचाई 17 फीट , चौड़ाई 9 फीट तथा लंबाई 30 फीट है। सेवाग्राम में लगाए जानेवाला चरखा दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाईअड्डे में लगे चरखे से भी ऊंचा होगा। सेवाग्राम के चरखे की ऊंचाई 18 फीट, चौड़ाई 11 फीट  3.1 फीट लंबा होगा। यह धातु से तैयार किया गया है, जिस पर धूप, बारिश, आंधी का कोई असर न हो इसलिए लकडिय़ों की तरह रंगाया जाएगा। सेवाग्राम में पेट्रोल पंप के समीप आश्रम की 8 एकड़ जगह पर तैयार होने वाले नए सभागृह में चरखा लगाया जाएगा।  चरखे के हर एक पाति पर गांधीजी के विचार लिखे होंगे। मुंबई स्थित जे. जे. कला महाविद्यालय के अधिष्ठाता विश्वनाथसाबले, अधिव्याख्याता विजय सपकाल, विजस बोनदर, श्रीकांत खैरनार, 10 विद्यार्थी, 10 टेक्नीशियन तथा मजूदरों की मदद से 22  दिनों में इसे तैयार किया गया है। इस संकल्पना के लिए जिलाधिकारी शैलेश नवाल तथा अडारकर एसोसिट्स का गाइडेंस मिला है। सेवाग्राम में भेंट देनेवाले देश-विदेश के पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केन्द्र होगा।

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