वन स्टाप सेंटर, जबलपुर सफलता की कहानी (कहानी सच्ची है)!

(कहानी सच्ची है)! वन स्टाप सेंटर, जबलपुर सफलता की कहानी (कहानी सच्ची है)!

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-08-17 08:36 GMT
वन स्टाप सेंटर, जबलपुर सफलता की कहानी (कहानी सच्ची है)!

डिजिटल डेस्क | जबलपुर यह दास्तां जबलपुर निवासी एक युवती की है जिसके विवाह होते हुए उसके मन में अरमानों के पुल बंधने लगे। जब पहली बार ससुराल में पैर रखी तो वह सोचने लगी कि उनसे ज्यादा सुखी और कोई नहीं और वैवाहिक जीवन के दो वर्ष बहुत अच्छे बिताए। समय बदला और धीरे-धीरे गाली-गलौच, उलाहना, ताने देना शुरू हो गया। पर वह सहन करती रही, परिवार की खातिर धैर्य बनाये रखी। इसी बीच दो बच्चों का जन्म हुआ। वह कहती है कि उनके पति गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए, दिन भर घर पर रहते, सास के पास ही अधिकतर रहते, काम पर नहीं जाते। पर वह चुप नहीं रही, हार नहीं मानी, परिवार लेकर चलने का प्रयास किया किन्तु मानसिक, शारीरिक, आर्थिक समस्याओं को लेकर विवाद होने लगा।

घर चलाने के लिए बाहर काम में जाने लगी, पर किसी-किसी बात को लेकर उन्हें काम पर जाने को मना करने में सास भी पति का साथ देती। अत: अंत में परेशान होकर उसने महिला हेल्पलाइन में शिकायत की, शिकायत करते ही वन स्टॉप सेंटर जबलपुर में बुलाया गया जहां से कुछ नई उम्मीद जगी, उसने पति के साथ परामर्श कराने की सहमति जताई। पति से दूरभाष पर पूछकर परामर्श की तिथि निश्चित की, पति उपस्थित हुए पति एवं पत्नी दोनों की बात सुनी, दोनों की समझाया गया, एचआईवी की दवा नियमित रूप से लेने के लिए एवं बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए परामर्शदाता द्वारा सलाह दी गई। महिला के पति को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने की समझाईश दी, महिला के मन में आस की एक किरण जागी। दोनों साझी गृहस्थी में पुन: गए, और उसे एक जगह काम मिल गया है। इससे उनके व्यवहार में परिवर्तन है। महिला खुश है, पति को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है। वनस्टॉप सेंटर उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है।

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