यूनिवर्सिटी में अब एग्जाम फीस ऑनलाइन भर सकेंगे स्टूडेंट्स, लंबे समय से चल रही थी तैयारी

यूनिवर्सिटी में अब एग्जाम फीस ऑनलाइन भर सकेंगे स्टूडेंट्स, लंबे समय से चल रही थी तैयारी

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-11 08:06 GMT
यूनिवर्सिटी में अब एग्जाम फीस ऑनलाइन भर सकेंगे स्टूडेंट्स, लंबे समय से चल रही थी तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में बीते ढाई वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ी ऑनलाइन पेमेंट सुविधा अंतत: शुरू होने जा रही है। यूनिवर्सिटी ने अब जाकर इस प्रक्रिया से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली है। चार दिन के भीतर यूनिवर्सिटी इससे जुड़ी अधिसूचना जारी करेगा। शुरुआत में इस सुविधा के जरिए एलएलबी और बी.एड पाठ्यक्रमों की परीक्षा फीस ऑनलाइन भरी जा सकेगी। इसके बाद अन्य पाठ्यक्रमों के लिए इसे विस्तारित किया जाएगा।

ढाई वर्ष से ठंडे बस्ते में थी योजना
दरअसल नोटबंदी के बाद सरकार के आदेशानुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नागपुर यूनिवर्सिटी समेत प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए थे कि वे अपने यहां कैश लेन-देन पूरी तरह बंद कर दें। विद्यार्थियों से प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क, स्टॉफ का वेतन या अन्य काेई भी लेन-देन केवल ऑफलाइन माेड से ही पूरा करें। नागपुर यूनिवर्सिटी  ने इस दिशा में हलचल भी शुरू की थी, लेकिन कई तकनीकी परेशानियों के चलते उन्हें यह पेमेंट गेट वे शुरू करने में परेशानी हो रही थी।

यह समस्या थी
विद्यार्थियों से डिजिटल पेमेंट स्वीकारने की दिशा में मंथन करने पर यह मुख्य समस्या सामने आ रही थी कि विद्यार्थी द्वारा भरी गई फीस में कई "हेड" का विभाजन होता है। परीक्षा फीस, एडमिशन फीस, ट्यूशन फीस, लाइब्रेरी फीस, मेडिकल एड फंड, स्टूडेंट डेवलपमेंट फंड जैसे कई हिस्से होते हैं। फिलहाल वित्त विभाग के काउंटर पर कैश या पीओएस मशीन से भुगतान करने पर सभी हेड में अपने आप भुगतान हो जाता है। यदि विद्यार्थी भीम एप या अन्य ऑनलाइन तरीके से पेमेंट करेगा तो विश्वविद्यालय को एक निश्चित अकाउंट नंबर देना पड़ रहा था।

इसके बाद विवि को खुद इसका विभाजन अलग-अलग हेड में करना पड़ रहा था। ऐसे में ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम लागू करने के लिए विश्वविद्यालय को एक हाईटेक सॉफ्टवेयर की जरूरत थी। ऑनलाइन पेमेंट प्रणाली के अभाव में नागपुर यूनिवर्सिटी के कैंपस के विविध विभागों, लॉ कॉलेज और एलआईटी के विद्यार्थियों को अमरावती रोड स्थित कैंपस के वित्त व लेखा विभाग के कैश काउंटर की लंबी कतार में लगकर घंटाें अपना समय बर्बाद करना पड़ता था। हाल ही में विवि प्रभारी कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक डॉ. नीरज खटी  के समक्ष एक निजी कंपनी ने साॅफ्टवेयर डेमो दिया, जिसके बाद विवि अब यह नई प्रणाली लागू करने जा रहा है। 

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