बहुउद्देश्यीय खेती अपनाकर लाखों कमा रहे सूरज "खुशियों की दास्‍तां" परंपरागत फसल के अलावा मिर्च, टमाटर एवं ककड़ी से बढ़ी आमदनी

"खुशियों की दास्‍तां" बहुउद्देश्यीय खेती अपनाकर लाखों कमा रहे सूरज "खुशियों की दास्‍तां" परंपरागत फसल के अलावा मिर्च, टमाटर एवं ककड़ी से बढ़ी आमदनी

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-10-20 09:24 GMT

डिजिटल डेस्क | मण्डला विकासखण्ड मोहगांव के अंतर्गत ग्राम अमझर के सूरज धुर्वे अपने क्षेत्र में अब प्रगतिशील किसानों की श्रेणी में शामिल हैं। 32 वर्षीय सूरज कई वर्षों पूर्व तक परंपरागत खेती कर रहे थे लेकिन उद्यानिकी विभाग के सहयोग एवं खेती में नवाचार करने की ललक ने सूरज को अब सालाना लाखों रूपयों की आमदनी हो रही है

। सूरज बताते हैं कि मैं पूर्व के वर्षों में परंपरागत तरीके से धान, गेहूं, अरहर एवं कोदो-कुटकी की खेती कर रहा था जिसमें मुझे औसतन 20 से 25 हजार रूपए सालाना आमदनी हो रही थी। मैंने अपने क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों से चर्चा करते हुए उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया एवं वैज्ञानिक खेती की प्रक्रिया को समझा। सूरज कहते हैं कि वैज्ञानिक खेती के तहत् मैंने अपने पुराने 0.80 हे. के रकबे में ही धान, गेहूं, अरहर के अलावा भी मिर्च, टमाटर एवं ककड़ी की खेती शुरू किया। ड्रिप एवं मल्चिंग तकनीक के द्वारा मेरा मुनाफा पहले की तुलना में काफी ज्यादा हुआ। अब मैं सालाना 2 से सवा 2 लाख रूपए तक का मुनाफा कमा रहा हूँ।

उद्यानिकी विभाग ने बताया कि सूरज अपने कुल रकबे में से 0.20 हे. में लगभग् 2 टन टमाटर का उत्पादन कर रहे हैं तथा लगभग् 30 हजार रूपए की कमाई कर रहे हैं। इसी प्रकार 0.40 हे. में लगभग् 6.25 टन मिर्च का उत्पादन कर लगभग् 1 लाख 56 हजार रूपए एवं 0.20 हे. में लगभग् 3 टन ककड़ी का उत्पादन कर लगभग् 33 हजार रूपए की आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। प्रगतिशील किसान बने सूरज अब अपने आसपास के किसानों को भी वैज्ञानिक खेती की सलाह दे रहे हैं तथा उद्यानिकी विभाग की मदद से खेती के नवीन तरीकों को सीखते हुए अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं।

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