शॉर्ट्स पहन कर गई छात्रा को नहीं मिली परीक्षा देने की इजाजत, फिर निकला अजीब हल

पर्दा लपेट कर परीक्षा शॉर्ट्स पहन कर गई छात्रा को नहीं मिली परीक्षा देने की इजाजत, फिर निकला अजीब हल

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Update: 2021-09-17 09:05 GMT
शॉर्ट्स पहन कर गई छात्रा को नहीं मिली परीक्षा देने की इजाजत, फिर निकला अजीब हल

डिजिटल डेस्क दिसपुर। असम में एक छात्रा को शार्ट्स पहकर जाने पर परीक्षा हॉल में जाने की अनुमति नहीं मिली। दरअसल घटना असम के गिरिजानंद चौधरी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज की है, जहां जुबली नाम की छात्रा जोरहाट के असम कृषि विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा देने गई थी। जुबली के शॉर्ट्स पहनने के कारण परीक्षक ने परीक्षा हॉल में प्रवेश देने से मना कर दिया। 

छात्रा का नाम जुबली तमुली है, जुबली ने "द इंडियन एक्सप्रेस" को फोन कर अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया। जुबली ने बताया मुझे परीक्षा स्थल में प्रवेश करने में किसी भी प्रकार से दिक्कत नहीं हुई, सुरक्षा गार्ड ने मुझे प्रवेश करने दिया। लेकिन जब मैं परीक्षा हाल में परीक्षा देने पहुंची तब निरीक्षक ने मुझे परीक्षा देने से रोक दिया।

एडमिट कार्ड में किसी भी प्रकार का ड्रेस कोड का जिक्र नहीं था। 
जुबली ने "द इंडियन एक्सप्रेस" को बताया कि शॉर्ट्स को लेकर न तो AAU के पास कोई नियम है और न ही एडमिट कार्ड में ड्रेस कोड का लेकर किसी भी प्रकार का कोई जिक्र था। ऐसे में मुझे कैसे पता चलता कि परीक्षा हाल में क्या पहन कर जाना है क्या नहीं?’ जुबली ने बताया कि इन सबके बाद निरक्षक ने मुझसे कहा अगर एक पैंट की व्यवस्था हो जाए तब आप परीक्षा दे सकती हैं। ऐसे में मैं रोते हुए अपने पिता के पास भागते हुए गई जो नीचे मेरा इंतजार कर रहे थे और उन्हें एक जोड़ी पैंट लाने के लिए कहा, जिसके बाद मेरे पिता 8 किमी दूर एक बाजार से मेरे लिए पतलून खरीदकर लाए। 

जुबली के अनुसार इन सब में वह अपना कीमती समय गवां रही थी, जुबली ने आगे बताया कि जब तक उनके पिता उनके लिए पैंट लेकर आते तब तक उनकी शार्ट्स वाले समस्या का समाधान हो गया था, परीक्षा हाल में प्रवेश देने से पहले उनके पैंरों को ढंकने के लिए पर्दा दिया गया, जुबली ने उन पर्दों को अपने पैंरों में लपेटकर परीक्षा दी। आगे जुबली ने कहा कि अगर मेरे पास बुनियादी सामान्य ज्ञान की कमी है, तो मैं जीवन में सफल कैसे होऊंगी, यह "पूरी तरह से गलत" था। उन्होंने कोविड प्रोटोकॉल, मास्क, यहां तक कि शरीर में तापमान की भी जांच नहीं की, लेकिन उन्होंने मैंने क्या पहना है इस बात की अच्छे से जांच की। जुबली ने इसे अपनी जिंदगी का सबसे अपमानजनक अनुभव बताया और कहा कि वह इस घटना के विषय में असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु से बात करने के बारे में सोच रही हैं। 

वहीं दूसरी ओर, इस पूरे घटना पर जीआईपीएस के प्रिंसिपल डॉ अब्दुल बकी अहमद ने कहा, ‘मैं इस घटना के समय कॉलेज में मौजूद नहीं था. मेरा परीक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। हमारे कॉलेज को सिर्फ परीक्षा के लिए एक स्थान के रूप में किराए पर लिया गया था। यहां तक कि निरीक्षक भी बाहर के थे। उन्होंने आगे कहा कि शॉर्ट्स के बारे में कोई नियम नहीं है, लेकिन एक परीक्षा के दौरान, यह जरूरी है कि परीक्षा हॉल में डेकोरम बनाए रखा जाना चाहिए। माता-पिता को भी इस विषय में बेहतर पता होना चाहिए।’


  


 

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