क्रेन में दबने से चोटिल मजदूर की डॉक्टरों की लापरवाही से कटी अंगुली
क्रेन में दबने से चोटिल मजदूर की डॉक्टरों की लापरवाही से कटी अंगुली
डिजिटल डेस्क, नागपुर। क्रेन में दबने से चोटिल हुए एक कंपनी के मजदूर के हाथ की 3 अंगुलियां कुचल गईं। इसमें से एक अंगुली को गंभीर चोट लगने से धंतोली स्थित केयर हॉस्पिटल में ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन सफल नहीं होने से आखिरकार ईएसआईसी अस्पताल में अंगुली काटनी पड़ी। डॉक्टर की लापरवाही से मजदूर को अंगुली गंवाने का आरोप संविधान बचाओ आंदोलन के संस्थापक अध्यक्ष संगीत इंगले ने पत्र परिषद में लगाया।
यह है पूरा मामला
इंगले ने बताया कि बुटीबोरी स्थित शिल्पा स्टील एंड पावर लिमिटेड में कार्यरत मजदूर सुनील राऊत 5 मार्च को क्रेन पर काम कर रहा था। दोपहर 3.30 के दौरान अचानक क्रेन में दाहिने हाथ की 3 अंगुलियां दब गईं। उसे तत्काल ईएसआईसी अस्पताल लाया गया। प्रथमोपचार कर संसाधनों की कमी गिनवाते हुए उसे शासकीय मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया। मेडिकल में उसकी अंगुली की प्लास्टिक सर्जरी करने की सलाह दी गई। इसके लिए केयर अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया। डॉक्टरों के कहने पर सुनील को केयर अस्पताल ले जाया गया। केयर अस्पताल में ऑपरेशन कर दूसरे दिन छुट्टी दे दी गई। दो दिन बाद जब वापस बुलाया गया, तब डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन सफल नहीं हुआ है। इसमें प्वाइजन हो जाने से अंगुली काटनी पड़ेगी।
अंगुली में प्वाइजन होने की बात बताई
डॉक्टर का जवाब सुनने पर उसके परिजनों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। ऑपरेशन करने से मना कर उसे ईएसआईसी अस्पताल ले जाया गया। ईएसआईसी अस्पताल के डॉक्टर ने प्लास्टिक सर्जरी नहीं किए जाने की जानकारी दी। अंगुली में प्वाइजन होने से उसे काटने की बात कही। अंत में ईएसआईसी अस्पताल में अंगुली काटी गई। इसके बाद हालत और गंभीर हो जाने पर मरीज को शासकीय मेडिकल अस्पताल भेजा गया। वहां और एक ऑपरेशन करना पड़ा। इस संबंध में ईएसआईसी अस्पताल की अधीक्षक डॉ. मीणा देशमुख से मोबाइल पर संपर्क करने पर प्रतिसाद नहीं मिला। डॉक्टरों की लापरवाही से सुनील को अंगुली गंवाने का आरोप इंगले ने लगाया। उन्होंने संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। पत्र परिषद में सुनील के पिता तथा संगठन के उपाध्यक्ष मेघराज राऊत, राजू इंगले, धीरज निकालजे उपस्थित थे।
दस्तावेज लाइए, जानकारी मिलेगी
प्रति दिन सैकड़ों मरीज आते हैं। इसलिए मामला क्या है, बता पाना मुश्किल है। दस्तावेज लेकर भेजिए, सारी जानकारी मिल जाएगी।
-अतुल भूषण, जनसंपर्क अधिकारी, केयर अस्पताल