तुकाराम मुंढे का मुंबई तबादला, राधाकृष्णन बी. होंगे नागपुर के नए मनपा आयुक्त

तुकाराम मुंढे का मुंबई तबादला, राधाकृष्णन बी. होंगे नागपुर के नए मनपा आयुक्त

Anita Peddulwar
Update: 2020-08-27 04:27 GMT
तुकाराम मुंढे का मुंबई तबादला, राधाकृष्णन बी. होंगे नागपुर के नए मनपा आयुक्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संकट के बीच मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे का मुंबई में तबादला कर दिया गया है। उन्हें मुंबई में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के सदस्य सचिव पद पर नियुक्त किया गया है। सरकार के अपर मुख्य सचिव (सेवा) सीताराम कुंटे ने  यह आदेश जारी किया है। आईएएस राधाकृष्णन बी. नागपुर मनपा के नए आयुक्त होंगे। प्रतीक्षा सूची में चल रहे  राधाकृष्णन बी. को तुरंत पदभार स्वीकारने का आदेश दिया गया है। वे 2008 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं। 38 वर्षीय राधाकृष्णन बी. इससे पहले मुंबई म्हाडा के सीईओ थे। उसके पहले नाशिक, रत्नागिरी के जिलाधिकारी, जालना के सीईओ, अहमदनगर, नंदूरबार में एसडीओ पद पर कार्य कर चुके हैं।

चर्चा का विषय बना 
मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे का तबादला बुधवार को शहर में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहा। श्री मुंढे मंगलवार को ही कोरोना की चपेट में आए थे। खुद ट्वीट के माध्यम से जानकारी देकर भावनात्मक संदेश जारी कर शहरवासियों को कोरोना से जीतने का भरोसा दिलाया था। दूसरे दिन यानी बुधवार को उनके तबादले का आदेश जारी हुआ। फिलहाल वे 14 दिन के लिए होम आइसोलेशन में हैं। 

हमने तबादले की कभी मांग नहीं की
हमने उनके तबादले की कभी मांग नहीं की। उनके साथ मतभेद काम को लेकर थे। व्यक्तिगत मतभेद नहीं थे। हमारी यही अपेक्षा थी कि वे पदाधिकारियों के साथ समन्वय रखकर काम करें। हमें उनके जाने का कोई आनंद नहीं है। लोगों को लेकर चलते तो ज्यादा आनंद होता। यह तबादला सरकार ने किया है। हमारी सरकार नहीं है। इससे पहले भी अनेक आयुक्त आए। सभी से हमारे मित्रता के संबंध रहे। आयुक्त आएंगे और जाएंगे, पदाधिकारियों से समन्वय रखें। हम पूरी ताकत से उनके साथ खड़े रहेंगे। उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं।  -संदीप जोशी, महापौर, नागपुर 

यहां हुआ था टकराव 
राज्य सरकार ने पहले अनलॉक की घोषणा की तो नागपुर को रेड जोन से निकालकर उसे ग्रीन जोन में डाल दिया, ताकि नागपुर में अन्य गतिविधियां शुरू हो। पालकमंत्री डॉ. नितिन राउत इसके समर्थन में भी थे, लेकिन आयुक्त तुकाराम मुंढे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर नागपुर को फिर रेड जोन में शामिल करवाया और सभी तरह की गतिविधियां बंद कराने में सफल हुए। 
नागपुर में पहली बार पांच दिन तक मनपा सभा चली। पांच दिन तक जनप्रतिनिधियों ने एक-एक कर मुंढे को टारगेट बनाया। इससे पहले मुंढे मनपा सभा का बहिष्कार कर बाहर निकल गए थे। महापौर के निवेदन के बाद वे दोबारा सभा में आए। फिर पांच दिन सभा चली। मुंढे ने भी एक-एक जवाब दिया। 

स्मार्ट सिटी के सीईओ को लेकर आरपार जैसी स्थिति बनी। मुंढे दावा करते रहे कि उन्हें स्मार्ट सिटी के चेयरमैन प्रवीण परदेसी ने सीईओ का कामकाज देखने को कहा। लेकिन बोर्ड ऑफ डायरेक्ट की मीटिंग में चेयरमैन ने इससे साफ मना कर दिया। 
इतिहास में पहली बार किसी महापाैर ने पुलिस में आयुक्त के खिलाफ शिकायत की।
व्यापारियों को व्यवसाय के लिए नागपुर मनपा से लाइसेंस लेने और सभी व्यापारियों को कोविड जांच कराने की अनिवार्यता कर दी। इसका विरोध उन्हें झेलना पड़ा। 

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