कोरोना वार्ड में हाेगा डोजी का उपयोग, संक्रमितों से बचाने का प्रयोग

कोरोना वार्ड में हाेगा डोजी का उपयोग, संक्रमितों से बचाने का प्रयोग

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-23 08:04 GMT
कोरोना वार्ड में हाेगा डोजी का उपयोग, संक्रमितों से बचाने का प्रयोग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोविड-19 के संक्रमण के लपेटे में आ रहे डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर लगातार काम चल रहा है। इसी के तहत मेडिकल अस्पताल में एक खास उपकरण प्रायोगिक तौर पर लगाया गया था। इसका नाम डोजी है। इसकी मदद से बिना मरीज के संपर्क में आए उसकी जांच हो सकती है। साथ ही, मरीज की पल-पल की रिपोर्ट अस्पताल के स्टाफ को मिलती रहेगी। इसका प्रयोग 5 जून से शुरू किया गया था। प्रयोग सफल होने के बाद अब इन मशीनों को कोरोना वार्ड में उपयोग किया जाएगा। 

ये जांचें होंगी
इस उपकरण से बीट पर मिनट, रेस्पिरेटरी, पल्स ऑक्सीमीटर, एसपीओ2, ब्लड प्रेशर की जांच हो सकेगी। इसके लिए डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ के मरीज के संपर्क में नहीं आना होगा। यह उपकरण सॉफ्टवेयर के माध्यम से काम करेगा। मरीज के नाम के साथ पूरा विवरण चिकित्सकों को मिलेगा। अगर रेस्पिरेटरी, पल्स रेट में कुछ समस्या आती है, तो तुरंत अलर्ट कर देगा। इससे अासानी से मरीजों की जांच और देखरेख हो सकती है।

आईआईटी छात्रों ने किया तैयार
डोजी नाम के इस उपकरण को बंगलुरु आईआईटी के छात्रों ने तैयार किया है। इसकी मैन्युफैक्चरिंग चेन्नई में हो रही है। इसलिए यह पूरी तरह मेक इन इंडिया है। नागपुर में इस तरह का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है।

पल-पल की जानकारी होगी स्क्रीन पर
डिस्ट्रीब्यूटर श्रीयश जिचकार ने बताया कि इसमें सेंसर लगी हुई एक मेट होती है, जिसे मरीज के बिस्तर के नीचे रखा जाता है। बिस्तर कितनी भी मोटाई का हो उससे मशीन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उपकरण को वाईफाई से जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद शरीर के कंपन से ही मैट तक सिग्नल जाएगा और वह लाइव जानकारी साॅफ्टवेयर पर दिखाता रहेगा। इस सॉफ्टवेयर को फोन में डाउनलोड कर सकते हैं। फाेन लेकर आप कहीं भी रहेंगे, सारी जानकारी मिलती रहेगी। इसमें रेंज जैसी कोई समस्या नहीं है। पांच उपकरण मुफ्त में मेडिकल अस्पताल को दिए हैं। 3-4 दिन टेस्टिंग के बाद आगे कोविड वार्ड के लिए देंगे।

सफल रहा प्रयोग
डोजी का प्रयोग पूरी तरह सफल रहा है। इसका उपयोग अब हम कोरोना वार्ड में करेंगे। अगले 2 से 3 दिन में जो पांच मशीन हैं, वह मरीजों के बेड के नीचे लगाएंगे। बाद में और मशीनों का ऑर्डर देंगे।- डॉ. अविनाश गावंडे, अधीक्षक, शासकीय चिकित्सा एवं महाविद्यालय अस्पताल
 

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