चुनावी घमासान: तेलंगाना विधानसभा चुनाव में की जा रही कर्नाटक मंत्र से झाड़ फूंक

पुराने ओहदेदार अपनी पसंद पर कर सकते हैं दोबारा विचार

Anita Peddulwar
Update: 2023-11-29 07:51 GMT

प्रकाश दुबे । यह मात्र चुनावी शिगूफा है या कर्नाटक को दोहराने की कोशिश? निजामशाही के वंशज मीर नजफ अली खान ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली। यह बात और है कि निजामशाही के भारत में विलय के बाद प्रिंस और नवाब जैसे सम्मानजनक विशेषणों से अलंकृत किए जाने वाले नजफ मियां सियासत से दूरी रखते हैं। सार्वजनिक कामों में उनकी दिलचस्पी है। ऐसा क्या हुआ कि मतदान के चंद रोज पहले राजनीति में कदम रखा। तेलंगाना के चुनाव नतीजों पर असर पड़ेगा! अधिकांश लोगों का जवाब न में है। कुछ का अनुमान है कि निजाम की तरफ से राजा की पदवी पाने वाले और पुराने ओहदेदार जरूर अपनी पसंद पर दोबारा विचार करेंगे। इस बात पर अलबत्ता एक राय है कि पुराने शहर में आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन की एक दो सीटें कम हो सकती हैं। ओवैसी की राजनीति में निजाम की चुप्पी को अब तक सहमति माना जाता रहा है। इस बदलाव का श्रेय कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को दिया जा रहा है। कहानी 2019 के लोकसभा चुनाव से शुरू होती है। राहुल गांधी चाहते थे कि सिद्धारमैया मैसूरु से चुनाव लड़ें।

सिद्धा राजी नहीं हुए लेकिन उन्होंने मैसूरु राजवंश के यदुवीर देव वाडियार को मनाने का भरोसा दिलाया। यदुवीर दत्तक राजकुमार हैं। उनकी पत्नी त्रिशिला राजस्थान के डूंगरपुर राजघराने से आई हैं। काका हर्षवर्धन सिंह भाजपा की तरफ से राज्यसभा में पहुंचे। बात नहीं बनी। यदुवीर और नवाब नजफ की दोस्ती में उम्र आड़े नहीं आती। दानों परिवार एक दूसरे के मददगार हैं। निजाम परिवार की हैदराबाद में ही करोड़ों की अचल संपत्ति है। कर्नाटक से लेकर महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और उत्तर प्रदेश तक जमीनें हैं। उन्हें सुलझाना है। यदि ऐसा है तो निजाम केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होते। वरिष्ठ पत्रकार एसएसआर अंजनेयुलु कहते हैं-नहीं। सरकार की दखलंदाजी के लिए जगह नहीं हैं। अनेक ट्रस्टों के ठीक से रखरखाव न करने के लिए नवाब नजफ जाह भारत राष्ट्र समिति सरकार को फटकार लगा चुके हैं। हो सकता है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कर्नाटक के बखेड़े दूर करने में काम आएं। इस फैसले की सुगबुगाहट ओवैसी को जरूर रही होगी। उन्होंने आखिरी दौर में अपने समर्थकों को संदेश देने के लिए दो बातें दोहराई-1 हमारा चंद्रशेखर राव की पार्टी से तालमेल नहीं है। दूसरे-कामों की बदौलत राज्य की जनता उनको फिर मौका देगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी के भरोंसों को दोहराते हुए कहा कि गैरकानूनी आरक्षण बंद किए जाएंगे। ओवैसी सफाई देते हैं कि सिर्फ गरीब मुसलमानों को आरक्षण मिलता है। वह भी धार्मिक आधार पर नहीं। इसलिए कानून असम्मत नहीं है। सोमवार को प्रधानमंत्री के रोड शो से प्रभावित लोग मान रहे थे कि भाजपा एक बार फिर नगरनिगम जैसे नतीजों को दोहराने में सक्षम है। ओवैसी इस आकलन से सहमत नहीं हैं। रविवार सुबह से ही हैदराबाद में देश के कई नेता जुटने लगे थे। जवाहर लाल नेहरू विवि समेत अनेक संस्थाओं से डिग्रियां पाने वाले सैयद नासिर हुसैन उनमें शामिल थे। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद से लंबी बात की।


Tags:    

Similar News