जया एकादशी 2024: जानें कब है ये व्रत, कैसे करें श्री हरि की पूजा और क्या है मुहूर्त?

  • यह दिन दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है
  • व्रत करने से स्वर्ण दान से अधिक पुण्य मिलता है
  • जया एकादशी व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा

Manmohan Prajapati
Update: 2024-02-17 09:59 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी (Jaya Ekadashi) का व्रत रखा जाता है। यह अपने नाम के अनुरूप फल भी प्रदान करती है। ये दिन श्री हरि यानी कि भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन जो भी व्यक्ति श्री हरि की पूजा करते हैं उन्हें उनका पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन व्रत करने से स्वर्ण दान, भूमि दान, अन्न दान और गौ दान से अधिक पुण्य मिलता है।

ऐसा माना जाता है कि, इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस एकादशी को समस्त पापों का हरण करने वाली तिथि माना गया है। इस साल यह व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा। आइए जानते हैं इस व्रत की विधि, मुहूर्त और पूजा की विधि...

तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि आरंभ: 19 फरवरी 2024, सोमवार सुबह 08 बजकर 49 मिनट से

एकादशी तिथि समापन: 20 फरवरी 2024, मंगलवार सुबह 09 बजकर 55 मिनट तक

पूजा मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक

व्रत व पूजा विधि

- एकादशी से पहले दिन यानि दशमी को एक वेदी बनाकर उस पर सप्तधान रखें।

- इसके बाद अपनी क्षमतानुसार सोने, चांदी, तांबे या फिर मिट्टी का कलश बनाकर उस पर स्थापित करें।

- ध्यान रहे, व्रत से पहली रात्रि में सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए, ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

- एकादशी के दिन पंचपल्लव कलश में रखकर भगवान विष्णु का चित्र या की मूर्ति की स्थापना करें।

- अब धूप, दीप, चंदन, फल, फूल व तुलसी आदि से श्री हरि की पूजा करें।

- द्वादशी के दिन ब्राह्ण को भोजन आदि करवाएं व कलश को दान कर दें।

- इसके बाद व्रत का पारण करें।

- इस प्रकार विधिपूर्वक उपवास रखने से उपासक को कठिन से कठिन परिस्थियों में भी विजय प्राप्त होती है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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