MDH Masala Story | MDH Owner Success Story
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Update: 2020-09-11 05:13 GMT
महाशय धर्मपाल गुलाटी 1947 में देश के बंटवारे के समय दिल्ली आए थे। इनके पिता जी की पाकिस्तान में मसालों की दुकान थी। जिसका नाम महाशियां दी हट्टी था। धर्मपाल गुलाटी ने दिल्ली में आने के बाद करोल बाग में तांगा चलाने का काम किया। फिर बाद में करोल बाग की अजमल खां रोड पर अपनी छोटी सी मसालों की दुकान खोली। आज इस महाशियां दी हट्टी की भारत और दुबई में 18 फैक्ट्रियां हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में महाशय धर्मपाल गुलाटी की सैलरी ₹25 करोड़ के करीब थी। भारत सरकार ने इन्हें 2019 में पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया था।