एक साल पहले ही सीवीसी ने दे दी थी PNB घोटाले की चेतावनी

डिजिटल डेस्क,मुंबई । पंजाब नेशनल बैंक में हुए 12,607 करोड़ का घोटाला देश की जनता में बैंकों को लेकर अविश्वास पैदा कर चुका है। ये घोटाला कई लोगों के की नाक के नीचे से किया गया, लेकिन PNB स्कैम होने से एक साल पहले ही केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने रत्न और आभूषण क्षेत्र की अनियमितताओं को लेकर बैकों को आगाह किया था। बावजूद इसके किसी ने सीवीसी की रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया। अगर PNB के साथ एजेंसियों ने रिपोर्ट को लेकर थोड़ी भी सतर्कता दिखाई होती तो आरोपियों पर समय रहते ही शिकंजा कसा जा सकता था और वो देश छोड़कर भागने में कामयाब नहीं होते।
सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट 2017 के अनुसार आयोग ने 5 जनवरी 2017 को CBI, प्रवर्तन निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों और PNB सहित 10 प्रमुख बैंकों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें कुछ ज्वैलरी कंपनियों खासतौर से जतिन मेहता के विनसम ग्रुप के खातों की अनियमितताओं के बारे में बातचीत की गई थी, लेकिन इस रिपोर्ट पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया।
रिपोर्ट में और क्या कहा गया?
इस मीटिंग में जूलरी फर्म में फ्रॉड, बैंकिंग सिस्टम में गड़बड़ी, सीवीओ की पूछताछ प्रक्रिया, खरीददारों के अकाउंट्स और सोने के आयात पर भी चर्चा की गई थी। हालांकि रिपोर्ट में नीरव मोदी और चौकसी के घोटाला का नाम नहीं है। लेकिन खतरे की आहट मिलने के बाद अगर जांच एजेंसियां समय रहते सतर्क हो गई होतीं और पीएनबी भी इस सेक्टर से जुड़े खातों की सही से जांच करता तो इस घोटाले को रोका जा सकता था।
क्या है मामला?
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस ब्रान्च के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया था। फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के जरिए पैसों की निकासी की गई। इस मामले की जांच ईडी और सीबीआई और जैसी एजेंसियां कर रही हैं। इस मामले में PNB के पूर्व डेप्युटी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी के अलावा नीरव मोदी और चौकसी की कंपनियों के कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ वॉरंट जारी
पंजाब नैशनल बैंक में 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी को अंजाम देकर अरबपति जूलर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश छोड़कर भाग चुके हैं। पिछले महीने स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) कोर्ट ने भी इनके खिलाफ गैरजमानती वॉरंट जारी किया था। वहीं, दोनों के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग करने का रास्ता खुल गया है।
Created On :   9 April 2018 12:55 PM IST