बेटी ने नहीं ली दिलचस्पी, बिसलरी बेचने पर मजबूर हुए कंपनी मालिक, 6 से 7 हजार करोड़ में बिक सकती है 4 लाख में खरीदी कंपनी, इस बिजनेस टायकून के साथ डील फाइनल!

बेटी ने नहीं ली दिलचस्पी, बिसलरी बेचने पर मजबूर हुए कंपनी मालिक, 6 से 7 हजार करोड़ में बिक सकती है 4 लाख में खरीदी कंपनी, इस बिजनेस टायकून के साथ डील फाइनल!
बिक जाएगी बिसलरी! बेटी ने नहीं ली दिलचस्पी, बिसलरी बेचने पर मजबूर हुए कंपनी मालिक, 6 से 7 हजार करोड़ में बिक सकती है 4 लाख में खरीदी कंपनी, इस बिजनेस टायकून के साथ डील फाइनल!
हाईलाइट
  • देश में 4500 से अधिक डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क और 5000 ट्रक मौजूद हैं।

डिजिटल डेस्क,दिल्ली। बोतलबंद पानी यानी पैकेज्ड वॉटर की मशहूर ब्रांड बिसलरी (Bisleri) अब बिकने वाला है। कंपनी के मालिक रमेश चौहान की मानें तो बिसलरी को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे  Tata Consumer Products Ltd है। इससे यही कयास लगाए जा रहे हैं कि यह ब्रांड देश के बाहर नहीं जा रहा वहीं ग्राहकों को शायद इसी नाम से मिलता भी रहेगा। बता दें साल 1969 में चौहान परिवार के नेतृत्व वाली पारले (PARLE) ने महज 4 लाख रूपये में बिसलरी कंपनी को खरीदा था। लेकिन सवाल ये उठ रहे हैं कि देश में बोतलबंद पानी यानी पैकेज्ड वाटर का सबसे लोकप्रिय ब्रांड होने और अच्छा कारोबार करने के बाद भी इसे बेचने की खबरें क्यों सामने आ रही हैं।  

इटी की रिपोर्ट की मानें तो कंपनी के मालिक रमेश चौहान की बढ़ती उम्र और उनके खराब स्वास्थ के साथ ही कई कारणों की वजह से बिसलरी को बेचने का फैसला किया गया है। देश की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी बिसलरी के मालिक रमेश चौहान अब 82 साल के हो गए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि  कंपनी को आगे बढ़ाने और उसका विस्तार करने के लिए चौहान के पास कोई उत्तराधिकारी नहीं है। 

बेटी नहीं दिखा रही दिलचस्पी

रिपोर्ट में इस बात की भी जिक्र किया गया है कि रमेश चौहान की बेटी जयंती चौहान जो वर्तमान में बिसलरी की वाइस चेयरपर्सन हैं वह भी कारोबार को लेकर बहुत उत्सुक नहीं दिखाई दे रही हैं। शायद यह कंपनी को बेचने की प्रमुख वजह हो सकती है हालांकि इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है कि किस वजह से कंपनी को बेचने की बात कही जा रही है।    

रिपोर्ट के अनुसार बिसलरी इंटरनेशनल के एमडी रमेश चौहान ने गुरूवार को कहा कि वह अपने बोतलबंद पानी के बिजनेस के लिए खरीददार की खोज में लगे हुए हैं और उनकी टाटा कंपनी से इसको लेकर बातचीत भी चल रही है। कंपनी को बेचे जाने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आगे चलकर किसी न किसी को इस कंपनी को संभालना होगा इसलिए हम उचित रास्ता तलाश रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी को बेचने के लेकर अभी केवल बातचीत चल रही है,डील पर फायनल मुहर नहीं लगी हैं।  

6-7 हजार करोड़ में हो सकता है सौदा 

साल 1969 में चौहान परिवार ने बिसलेरी लिमटेड कंपनी को महज 4 लाख रूपए में खरीदा था। उस समय चौहान की उम्र केवल 28 साल की थी। कंपनी की कमान 1995 में  रमेश चौहान के हाथों में आई इसके बाद से कंपनी ने तेजी से विस्तार किया और बोतलबंद पानी के बिजनेस में अपनी एक अलग पहचान बनाई। इस कंपनी और ब्रांड को आप इसी से समझ सकते हैं कि भारत में दुकान से जब पैकेज्ड बंद वॉटर खरीदना हो तो लोगों की जुबां में सबसे पहले बिसलरी का ही नाम आता है। 

रिपोर्ट की माने तो बिसलेरी के बेचने की प्रकिया टाटा ग्रुप के साथ पूरी होने की उम्मीद है। कंपनी का सौदा करीब 6000-7000 करोड़ रूपये में हो सकता है। हालांकि रमेश चौहान ने फिलहाल इससे इनकार किया है। कंपनी की अधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार देशभर में बिसलेरी कंपनी के 122 से अधिक ऑपरेशनल प्लांट मौजूद हैं। वहीं देश में 4500 से अधिक डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क और 5000 ट्रक मौजूद हैं।
 

Created On :   24 Nov 2022 1:06 PM GMT

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