बिटक्वॉइन के माइनर्स बिजली बिल भरने में फूंक डालते हैं 75 प्रतिशत से अधिक कमाई

Bitcoin miners spend more than 75 percent earning to pay electricity bills
बिटक्वॉइन के माइनर्स बिजली बिल भरने में फूंक डालते हैं 75 प्रतिशत से अधिक कमाई
क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वॉइन के माइनर्स बिजली बिल भरने में फूंक डालते हैं 75 प्रतिशत से अधिक कमाई

डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वॉइन की माइनिंग में खर्च होने वाली बेतहाशा बिजली का भारी-भरकम बिल भरने में ही माइनर्स की 75 प्रतिशत से अधिक आमदनी स्वाहा हो जाती है। माइनिंग में होने वाला बिजली का अधिक खर्च डिजिटल करेंसी केबढ़ते कार्बन फुटप्रिंट की ओर भी ध्यान आकर्षित करता है।

क्रिप्टोमंडे डॉट डे की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, बिटक्वॉइन के एक ट्रांजेक्शन में करीब 2,165 किलोवाट प्रति घंटे की बिजली खर्च हो जाती है, जो अमेरिकी के सामान्य घरों में 74 दिनों में खर्च की जाने वाली कुल बिजली के समान है।

वित्त विशेषज्ञ एलिजाबेथ केर के मुताबिक, बिटक्वॉइन का पूरा कारोबार इसकी माइनिंग के इर्दगिर्द ही घूमता है। बिटक्वॉइन ट्रांजेक्शन की पुष्टि से ही पूरा नेटवर्क सुरक्षित रहता है। नेटवर्क सुरक्षा में माइनर्स की अहम भूमिका को देखते हुए नेटवर्क उन्हें माइनर्स रिवार्ड भी देता है। एलिजाबेथ ने बताया कि बिटक्वॉइन की माइनिंग में स्पेशल उपकरणों को इस्तेमाल किया जाता है, जिनकी कंप्यूटेशन क्षमता बहुत अधिक होती है।

ये उपकरण ही कठिन इक्वे शन को हल करते हैं और ऐसा करने में ये कई टन बिजली फूंक देते हैं। माइनर्स को इसी वजह से काफी अधिक बिजली बिल देना पड़ता है। डिजिटल करेंसी अपने कार्बन फुटप्रिंट के लिए हमेशा से आलोचनाओं के घेरे में रही है। कई शोधों में कहा गया है कि क्रिप्टो की माइनिंग का कार्बन फुटप्रिंट कई देशों की कार्बन फुटप्रिंट के समान है।

एक अध्ययन में बताया गया कि बिटक्वॉइन की माइनिंग में प्रति वर्ष करीब 114 मेगाटन कार्बन उत्सर्जित होता है, जो चेक गणराज्य द्वारा उत्सर्जित कार्बन के समान है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ माइनर्स माइनिंग के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल करने लगे हैं। कई अन्य माइनर्स भी अन्य ऊर्जा स्रोतों के विकल्प की ओर भी देख रहे हैं।

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Created On :   31 May 2022 8:30 PM IST

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