- अहमदाबाद और सूरत मेट्रो प्रोजेक्ट के भूमि पूजन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल होंगे पीएम मोदी
- कोरोना गाइडलाइंस के साथ दिल्ली में 10 महीने बाद खुले स्कूल, खुश नजर आए बच्चे
- यूपी में आज बीजेपी के 10 उम्मीदवार एमएलसी चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करेंगे
- बंगालः बीजेपी नेता शुभेंद्र अधिकारी आज दोपहर 3 बजे कोलकाता में करेंगे रोड शो
- दिल्ली: 26 जनवरी को निकलने वाली किसानों की ट्रैक्टर रैली के खिलाफ SC में आज होगी सुनवाई
केंद्र ने कम संग्रह, लटके निवेश की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की

हाईलाइट
- केंद्र ने कम संग्रह, लटके निवेश की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। देश में हाल के कर सुधारों के बावजूद प्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट और निवेश की सुस्त रफ्तार की चिंताओं को दूर करने की एक कोशिश में वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट अस्थायी है और सुधार उपायों और कर लाभों का एक परिणाम है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मीडिया के एक वर्ग में रपटें हैं कि वित्त वर्ष 2019-20 के प्रत्यक्ष कर संग्रह में बुरी तरह गिरावट हुई है और जीडीपी वृद्धि की तुलना में प्रत्यक्ष कर संग्रह नकारात्मक हो गया है।
बयान में कहा गया है कि यह रपट प्रत्यक्ष कर की वृद्धि के बारे में सही तस्वीर पेश नहीं करती है।
बयान में कहा गया है कि यद्यपि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2018-19 के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह से कम था, लेकिन यह गिरावट उम्मीद के अनुरूप है और अस्थायी है, जो किए गए ऐतिहसिक कर सुधारों और वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान जारी अत्यधिक रिफंड के कारण है।
बयान में कहा गया है, यह सच्चाई तब ज्यादा स्पष्ट होती है जब हम साहसिक कर सुधारों में नुकसान हुए राजस्व को संज्ञान में लेने के बाद सकल संग्रह की तुलना करते हैं, जिसका वित्त वर्ष 2019-20 के कर संग्रह पर एक सीधा असर है।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 में कुल रिफंड 1.84 लाख करोड़ रुपये था, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में 1.61 लाख करोड़ रुपये था।
कर सुधारों के बावजूद निवेश की सुस्त गति के बारे में वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यह कहना कि निवेश गति नहीं पकड़ रहा है सही नहीं है और व्यापारिक दुनिया की वास्तविकताओं को समझे बिना कहा जा रहा है।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।