अब ICICI बैंक पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, चंदा कोचर ने करवाई स्वीट डील !

डिजिटल डेस्क । पंजाब नेशनेल बैंक में हुए 12,607 करोड़ के घोटाला मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि देश के प्राइवेट सेक्टर के एक बड़े बैंक ICICI पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे हैं। हाल ही में ICICI बैंक की CEO चंदा कोचर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। चंदा कोचर वो नाम हैं जिन्हें देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा माना जाता है। दरअसल चंदा पर वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोप लगे है। मतलब साफ है कि बैंक के सबसे ऊंचे पद पर बैठीं चंदा ने एक कंपनी को लोन देने के मामले में फायदा पहुंचाया और फायदा सिर्फ इसलिए पहुंचाया गया क्योंकि कंपनी के उनके करीबियों से ताल्लुक थे।
क्या है मामला?
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक दिसंबर 2008 में वीडियोकॉन समूह के मालिक वेणुगोपाल धूत ने बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर ज्वाइंट वेंचर (जेवी) बनाया। इसके बाद इस कंपनी को सुप्रीम एनर्जी की तरफ से 64 करोड़ रुपए का लोन मिला जो कि धूत की कंपनी थी। बाद में इस कंपनी का मालिकाना हक महज 9 लाख रुपए में उस ट्रस्ट को सौंप दिया गया, जिसकी कमान दीपक कोचर के हाथों में थी। यहां बता दें दीपक कोचर, चंदा कोचर के पति हैं। अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे लेन-देन में चौंकाने वाला तथ्य ये है कि आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मिलने के छह महीने बाद दीपक कोचर कंपनी के वीडियोकॉन ग्रुप में स्थानांतरित कर दिया गया था। इस लोन का 86 प्रतिशत यानी लगभग 2,810 करोड़ रुपये की राशि को जमा नहीं किया गया। इसके बाद 2017 में वीडियोकॉन के अकाउंट को बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया गया। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मामले में जांच एजेंसी धूत-कोचर-ICICI के बीच लेन-देन की जांच कर रही है। आपको बता दें कि हाल ही में चंदा कोचर को नीरव मोदी मामले में भी जांच एजेंसी ने पूछताछ के लिए समन जारी किया था। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मामले में जांच एजेंसी धूत-कोचर-ICICI के बीच लेन-देन की जांच कर रही है।
क्या है ICICI बैंक की प्रतिक्रिया?
मामला सामने आते ही बैंक बोर्ड चंदा कोचर के समर्थन में आ गया है। बैंक की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "बोर्ड को बैंक के MD और CEO चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है। सभी तथ्यों को देखने के बाद बोर्ड इस नतीजे पर पहुंचा है कि भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव सहित भ्रष्टाचार की जो अफवाहें चल रही हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है।" इतना ही नहीं इसमें ये भी कहा गया है कि इस तरह की अफवाह ICICI की छवि को खराब करने के लिए फैलाई जा रही है। ICICI के बोर्ड ने चंदा कोचर को क्लीन चीट दे दी है। बैंक ने कहा कि विडियोकॉन ग्रुप को 20 बैंकों के ग्रुप ने कर्ज दिया था। इसमें ICICI बैंक का योगदान 10 प्रतिशत का था। साथ ही, जिन शर्तों पर दूसरे बैंकों ने विडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को कर्ज दिए थे, उन पर ही ICICI बैंक ने भी लोन दिया था।
बैंक की रिलीज में बताया गया है कि उसका लोन अप्रेजल सिस्टम मजबूत है। ये इस तरह से बनाया गया है कि कोई एक शख्स किसी कंपनी को कर्ज देने के बारे में फैसला नहीं कर सकता। बीएसई को जारी किए गए बयान में बताया गया है कि ICICI बैंक बोर्ड आंतरिक प्रक्रिया की समीक्षा की है। बोर्ड का कहना है कि कोई भी व्यक्ति या कर्मचारी, चाहें वो एमडी और सीईओ हो। वो बैंक को कर्ज देने के लिए प्रभावित नहीं कर सकता, क्योंकि कर्ज को मंजूर करने के लिए कई डिपार्टमेंट की मंजूरी लेनी होती है। लोने देने की प्रक्रिया में कई डिपार्टमेंट शामिल होते है। इसमें सभी डिपार्टमेंट क्रेडिट रेटिंग से लेकर कई पैमानों पर कंपनियों को परखते है। बैंक का पूरा प्रोसेस पूरी तरह से स्ट्रक्चर्ड है। इसके अलावा बड़े कर्ज बोर्ड की क्रेडिट कमेटी मंजूर करती है। इसमें बैंक के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स भी होते है।
Created On :   29 March 2018 11:21 AM IST