UPA के दस सालों में 116% बढ़े थे पेट्रोल के दाम, NDA के 4 सालों में हुई 14% की बढ़ोतरी

UPA के दस सालों में 116% बढ़े थे पेट्रोल के दाम, NDA के 4 सालों में हुई 14% की बढ़ोतरी
UPA के दस सालों में 116% बढ़े थे पेट्रोल के दाम, NDA के 4 सालों में हुई 14% की बढ़ोतरी
UPA के दस सालों में 116% बढ़े थे पेट्रोल के दाम, NDA के 4 सालों में हुई 14% की बढ़ोतरी
हाईलाइट
  • 2014 से 2018 के बीच पेट्रोल के दामों में 14% की बढ़ोतरी हुई।
  • वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को 5 रुपए लीटर पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने का फॉर्मूला देकर राहत दी।
  • हालांकि कांग्रेस 5 रुपए की राहत को मामूली राहत बता रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर देशभर में मचे हाहाकार के बाद मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए इनके दामों में 2.50 रुपए प्रति लीटर की कटौती की है। वहीं बीजेपी शासित 12 राज्यों और जम्मू-कश्मीर में तेल के दामों में 2.50 रुपए प्रति लीटर की अतिरिक्त राहत दी गई है। इस तरह देश के आधे राज्यों में इस फैसले से 5 रुपए प्रति लीटर तक की कमी हो गई है, वहीं आधे राज्यों में तेल के दाम 2.50 रुपए प्रति लीटर कम हो गए हैं। पेट्रोल की कीमत 90 रुपए से ज्यादा होने के बाद सरकार पर कीमतें कम करने का दबाव बढ़ गया था। ऐसे में मोदी सरकार ने महंगाई की तपिश को कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी कम करने का फैसला लिया और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को 5 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने का फॉर्मूला देकर राहत दी। हालांकि कांग्रेस 5 रुपए की राहत को मामूली राहत बता रही है।

कांग्रेस के अनुसार जितना दाम हालिया दिनों में बढ़ा है, उस हिसाब से यह कटौती दिखावा मात्र है। वहीं बीजेपी नेता केन्द्र और बीजेपी शासित राज्यों के इस फैसले को आम जनता के लिए बड़ी राहत वाला बता रहे हैं। ऐसे में कई सवाल उठते हैं...जैसे यूपीए सरकार की तुलना में एनडीए सरकार में तेल के दामों में कितने प्रतिशत इजाफा हुआ और दोनों सरकारों के समय अन्य फैक्टर जैसे क्रूड ऑयल और डॉलर के दामों में कितना अंतर था, जिससे तेल के दामों में उतार-चढ़ाव हुआ। इन सारे सवालों का जवाब इस रिपोर्ट में पढ़िए..

2014 में जब NDA सरकार सत्ता में आई थी तब 16 मई 2014 को पेट्रोल के दाम 71.41 रुपए थे। जबकि 4 अक्टूबर 2018 को दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 84 रुपए प्रति लीटर हो गई थी। यानी पेट्रोल के दामों में 17.63% की बढ़ोतरी हुई है। क्रूड ऑइल की बात करें तो मई 2014 में क्रूड का एवरेज प्राइज 106 डॉलर प्रति बैरल था। जबकि अभी क्रूड ऑइल का प्राइज 85 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। यानी क्रूड ऑइल के दामों में 21 डॉलर का अतंर है जो कि करीब 19.81% होता है। इस लिहाज से देखा जाए तो पेट्रोल के दाम क्रूड ऑइल के दाम कम होने के बावजूद बढ़े हैं।

यहां पर ये भी बात समझना जरूरी है कि मई 2014 में 1 डॉलर की कीमत करीब 60 रुपए थी। जबकि अभी 1 डॉलर की कीमत लगभग 74 रुपए हैं। यानी रुपया मई 2014 की तुलना में डॉलर के मुकाबले 23.33% कमजोर हुआ है। इसका मतलब है कि सरकार को 2014 में 1 बैरल क्रूड ऑइल खरीदने के लिए 6,360 रुपए खर्च करना पड़ रहे थे। जबकि अभी 1 बैरल क्रूड ऑइल के लिए 6,290 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।

अब बात करते है 2004 की जब देश में UPA की सरकार सत्ता में आई थी। उस वक्त पेट्रोल के दाम 33 रुपए प्रति लीटर थे। जबकि क्रूड ऑइल के दाम लगभग 35 डॉलर प्रति बैरल थे। वहीं 1 डालर की कीमत लगभग 45 रुपए थी। यानी 1 बैरल क्रूड ऑइल के लिए सरकार को 1,575 रुपए खर्च करने पड़ते थे।

2009 में जब दोबारा UPA की सरकार सत्ता में आई तो पेट्रोल के दाम 40 रुपए के करीब पहुंच गए थे। यानी 2004 से 2009 के बीच पेट्रोल की कीमतों में केवल 7 रुपए का इजाफा हुआ। जबकि क्रूड आइल की कीमत 2009 में क्रूड आइल की कीमत 61 डॉलर प्रति बैरल के करीब थी। इस लिहाज से देखा जाए तो क्रूड ऑइल के दाम लगभग दोगुने हो गए। उस समय एक डॉलर की कीमत लगभग 46 रुपए के करीब थी। यानी सरकार को उस समय 1 बैरल क्रूड ऑइल खरीदने के लिए 2,806 रुपए खर्च करने पड़ते थे। 

इसका मतलब है कि यूपीए के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच पेट्रोल के दाम 33 रुपए से बढ़कर 71.41 रुपए हो गए। ये करीब 116% होता है। जबकि इस दौरान क्रूड ऑइल 202% बढ़ा। वहीं डालर के मुकाबले रुपया 2004 से 2014 के बीच डॉलर 33 प्रतिशत कमजोर हुआ। 

NDA सरकार ने अब गुरुवार को 5 रुपए पेट्रोल के दाम करने का फॉर्मूला दिया है। ऐसे में शुक्रवार से देश के कई राज्यों में पेट्रोल के दाम घट जाएंगे। हालांकि दिल्ली की बात करे तो यहां पर पेट्रोल की कीमतें ढाई रुपए घटकर 84 रुपए प्रति लीटर से 81.50 हो जाएगी। क्योंकि दिल्ली सरकार ने वैट घटाने से इनकार कर दिया है। इसका मतलब है कि NDA सरकार के अब तक के कार्यकाल में पेट्रोल की कीमतों में 14% की बढ़ोतरी हुई है। यहां हम आपको ये भी बता दें कि क्रूड की सबसे ज्यादा कीमत का कांग्रेस सरकार को 2011-12  में सामना करना पड़ा था। जबकि NDA की सरकार में 2015-16 में ये 46 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक नीचे आ गई थी।

Created On :   5 Oct 2018 12:24 AM IST

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