कमर्शियल पायलट लाइसेंस की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि
- कमर्शियल पायलट लाइसेंस की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों में देश में विमानन क्षेत्र में वृद्धि के साथ-साथ जारी किए गए वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) की संख्या में भी लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। इस साल के पहले छह महीनों के भीतर ही 699 सीपीएल जारी किए जा चुके हैं, जबकि 2021 में इनकी संख्या महज 862 थी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2016 से देश में कुल 4,612 वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस जारी किए गए हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि भारत में पायलटों की कोई कमी नहीं है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में संसद को जानकारी देते हुए कहा, हालांकि, कुछ प्रकार के विमानों पर कमांडर्स की मामूली कमी है और इसे विदेशी एयरक्रू अस्थायी प्राधिकरण (एफएटीए) जारी करके विदेशी पायलटों का उपयोग करके प्रबंधित किया जा रहा है।
सिंधिया ने कहा, जैसे-जैसे हवाई यातायात बढ़ेगा, पायलटों की आवश्यकता बढ़ेगी। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, अगले पांच वर्षों में प्रति वर्ष 1,000 पायलटों की आवश्यकता हो सकती है। घरेलू विमानन क्षेत्र में बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए, अधिकांश प्रशिक्षित पायलटों को रोजगार मुहैया होगा।
गौर करने वाली बात यह है कि 31 मार्च, 2022 तक 34 उड़ान प्रशिक्षण संगठन (एफटीओ) थे। तब से, चार और (दो कर्नाटक के कलबुर्गी में और एक-एक महाराष्ट्र के जलगांव और असम के लीलाबाड़ी में) ने संचालन शुरू किया है। इस प्रकार वर्तमान में 31 जुलाई 2022 तक इनकी संख्या 38 हो गई। भारत में छह अप्रूव्ड टाइप रेटिंग प्रशिक्षण संगठन हैं, जो सीपीएल प्राप्त करने के बाद एयरक्राफ्ट टाइप रेटिंग प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के नियामक पर्यवेक्षण के तहत एफटीओ की स्थापना और संचालन बड़े पैमाने पर निजी संस्थाओं द्वारा किया जाता है। इसने तमिलनाडु में सलेम और होसुर हवाई अड्डों पर एफटीओ स्थापित करने के लिए दो ऑपरेटरों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया है।
सोर्सः आईएएनएस
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Created On :   9 Aug 2022 9:30 PM IST